सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने SECL को घेरा, करें दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
कोरबा 10 अगस्त। एस ई सी एल के मुख्य महाप्रबन्धक से लेकर डायरेक्टर और सी एम डी तक नियमों की धज्जियां उड़ाकर किस तरह अपना स्वार्थ साधने में संलिप्त रहते हैं? इसका खुलासा लोकसभा में हुआ है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल में लोक महत्व का यह मुद्दा उठाया।श्री अग्रवाल ने बताया कि एस ई सी एल की ओपन कास्ट परियोजनाओं, खदानों में कोयले के खनन करने के बाद नियमानुसार उसे वापिस भर कर पुरानी स्थिति में लाना एवम उसके ऊपर वृक्षारोपण करने की बाध्यता है। लेकिन एसईसीएल ने 50 से अधिक खदानों से कोयला तो निकाल लिया है। रिक्लेमिनेशन के नाम पर अरबों रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। लेकिन उसे पुरानी स्थिति में नहीं लाया गया, न ही उसके ऊपर वृक्ष लगाए गए हैं। खदानों में पानी भरने के कारण वहां दुर्घटनाएं होती रहती है, जिससे अनेक मौत हो रही हैं। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। जिस कारण क्षेत्रीय लोगो में नाराजगी, गुस्सा एवम भय का वातावरण बना हुआ है। श्री अग्रवाल ने कोयला मंत्रालय से दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही और खुली खदानों में जल्द पुनर्वास की मांग की है।
आपको बताते चलें कि एस ई सी एल की एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान गेवरा के साथ दीपका, कुसमुंडा और कोरबा क्षेत्र की खदानों में खुलेआम डीजल और कोयला चोरी की घटनाएं विगत तीन चार वर्षों से होती रही है। छत्तीसगढ़ के वर्तमान वित्तमंत्री ओ पी चौधरी ने कांग्रेस शासनकाल में सामूहिक कोयला चोरी का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल किया था, मगर एस ई सी एल प्रबन्धन पर कोई असर नहीं हुआ था। यह स्थिति तब बनी हुई है, जब कम्पनी के सी एम डी यानी अध्यक्ष सह प्रबन्ध संचालक प्रतिमाह कोरबा जिले की कोयला खदानों के प्रवास पर आते रहे हैं।
समझा जाता है कि एस ई सी एल कम्पनी, यहां पदस्थ अधिकारियों के लिए दुधारू गाय से अधिक महत्व नहीं रखता। यहां आकर अधिकारी अपना नम्बर और खजाना बढ़ाने में जुटे रहता हैं। अगर यहां पूर्व और वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों की सीबीआई जांच कराई जाती है, तो अकूत अवैध सम्पत्ति का पर्दाफाश हो सकता है।