जमीन फर्जीवाड़ा: नोटिस किसी की तामिल किसी और ने कर लिया

न्यूज एक्शन। कोरबा जिले में जमीन के मामले में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जो कि लगभग तीन साल पुराना है। लेकिन जिस व्यक्ति के नाम से नोटिस जारी हुई उस तक नोटिस पहुंची ही नहीं और किसी और ने नोटिस को लेकर तामिल कर दिया है। इस मामले के उजागर होने के बाद चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है और नोटिस तामिल करने वाले अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठने लगे है।
न्यायालय कलेक्टर कोरबा जिला कोरबा द्वारा पुनरीक्षण बावत् मामला क्रमांक 20/8-12 /14-15 ग्राम कोरबा अध्यक्ष रामजी सिंह कुर्मी पटेल समाज विरूद्ध कैलाश चंद अग्रवाल सत्यनारायण अग्रवाल पिता खेमचंद अग्रवाल के विरूद्ध दावा का मामला दायर किया था। इस मामले में कलेक्टर न्यायालय द्वारा एक नोटिस 17 अगस्त 2015 को जारी की गई थी। उक्त नोटिस में सत्यनारायण अग्रवाल को 1 सिंतबर 2015 को न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश जारी किया गया था। उक्त नोटिस जारी किए जाने के बाद दो दिन के अन्दर ही 19 अगस्त 2015 को तामिल भी कर लिय गया। तामिल करने वाले अधिकारी द्वारा समय 6 बजे शाम उसी दिन का दर्शाया गया है। वहीं कैलाश चंद्र अग्रवाल रायगढ़ में निवास करते है और सत्यनारायण अग्रवाल दर्री रोड कोरबा में निवासरत है। अब सवाल यह है कि कैलाश अग्रवाल के पास दो दिन के अंदर ही कैसे नोटिस पहुंच कर तामिल करा ली गई। जबकि नोटिस को पहुंचने में ही समय लगता है। सत्यनारायण अग्रवाल व कैलाश अग्रवाल को नोटिस ही नहीं मिली। इस बात की आशंका जिनके नाम से नोटिस जारी हुई है उनके द्वारा जाहिर की जा रही है कि उक्त नोटिस को संबंधित अधिकारी की मिली भगत से आशीष अग्रवाल पिता सुभाष अग्रवाल द्वारा खुद ही सत्यनारायण अग्रवाल बनकर तामिल कर दिया है। अब यह जांच का विषय है कि आखिर जिसके नाम से नोटिस जारी हुई उस तक नोटिस क्यों नहीं पहुंची और नोटिस का तामिल करने वाले अधिकारी ने किससे उसे तामिल कराया है। जब फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से नोटिस तामिल की गई है तो और भी कुछ हो सकता है?

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