पत्नी के गहने व रुपये हड़पने घर से निकालने वाले पति पर होगी अपराध दर्ज

महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर हुई जन सुनवाई

कोरबा 16 मार्च। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने जिला कलेक्टर कोरबा सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 248 वीं एवं कोरबा जिला की सातवीं सुनवाई हुई। जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 36 प्रकरण आए।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में पति-पत्नी दोनो पक्ष उपस्थित हुए। विवाह के बाद पति ने आवेदिका के नाम पर 75 हजार रूपए का ऋण निकाला था पुरी राशि लेने के बाद आवेदिका को प्रताड़ित करने लगा। जिसका विस्तृत ब्यौरा आवेदिका ने अपने आवेदन पत्र में लिखा है। आवेदिका का पैसा छीनने के बाद आवेदिका का पति नशा करके मारपीट करने लगा और उसके प्रताड़ना के बाद आवेदिका का गर्भपात हो गया। तब वह छः माह मायके में रही। जिसके पश्चात् दोनो पक्ष को समझाइश पर आवेदिका अपने पति के साथ में रहने लगी। तब आवेदिका के पति ने सारे गहने व सामान गायब कर दिया और आवेदिका पर दोषारोपड़ करने लगा। महज दिन के बाद तीनों अनावेदकगणों ने आवेदिका को दबाव डाला और पंचायत में बैठकर आवेदिका को एक कोरे पन्नें में तलाकनामा लिखवा दिया तथा 75 हजार रुपयं भी नहीं दिला गहने और सामान भी नहीं दिया। जिससे पीड़ित होकर आवेदिका ने आयोग में शिकायत दर्ज करायी है।

आयोग ने दोनों पक्ष को विस्तार से सुनने के पश्चात् और यह पाया कि आवेदिका का पति 75000 रूपये का लोन आवेदिका के नाम पर निकलवाया और उससे अपने घर में शौचालय बनवाया और बाकी रकम गहने आवेदिका से छीनकर अपने घर से निकाल दिया इस कार्य में आवेदिका के पति के पुरा परिवार सहयोग किया और शेष दो अनावेदक गांव के निवासी द्वारा कोरे कागज में शपथपत्र तथा तलाकनामा लिखकर आवेदिका को उसके मायके भिजवाया था जिस पर अनावेदक ने अपनी गलती का स्वीकारा और भविष्य में इस तरह से दोबारा कोरे कागज में तलाकनामा लिखवाने की गलती नहीं करेंगे कहते हुए आयोग से माफी मांगा तथायही आश्वासन दिया कि आवेदिका के साथ थाना हरदीबाजार जा कर आवेदिका के पति और परिवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने में सहयोग करेंगे। इस पर आवेदिका ने अपनी सहमति व्यक्त किया है।

आयोग के समक्ष दर्ज एक प्रकरण में आवेदिकाओं ने बताया कि वनभूमि पोलमीबीट में बतरा निवासी द्वारा गौचर भूमि में जबरदस्ती प्लांटेशन (शासकीय) को उखाड़कर खेत बना रहा है जिसकी शिकायत सरंपच के साथ मिलकर प्रशासन में किया लेकिन कहीं भी कार्रवाई नहीं हुई। पूरे प्रकरण को जांच के लिए आयोग ने कोरबा कलेक्टर को दिया है। मूल फाइल राज्य महिला आयोग की सदस्य अर्चना उपाध्याय को दी गई है। प्रकरण का तीन माह के भीतर जांच कर आयोग को जानकारी प्रदान की जाएगी।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शारिरिक शोषण का शिकायत दर्ज करायी थी जिससे उसकी चार साल की बच्ची है। आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ थाना मानिकपुर चौकी में रिर्पोट दर्ज कराया था जिसमें बयान बदलकर प्रकरण समाप्त हो गया है। आवेदिका अपनी बच्ची के भविष्य को सुरिक्षत रखना चाहती है। इसे अनावेदक ने भी स्वीकार किया है और वह बच्ची के नाम से प्रतिमाह 2000 रूपये दो हजार रूपये उसके खाते में आरटीजीएस करेगा इस पूरे प्रकरण की जांच व निगरानी एक वर्ष तक नियमित पैसा जमा हो रहा है या नहीं की संरक्षण अधिकारी नवाबिहान के द्वारा की जायेगी। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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