आइडी एक्ट लागू, मान्यता वाली यूनियन से ही प्रबंधन करेगी वार्ता

राज्य सरकार ने खत्म किया आइआर एक्ट

कोरबा 16 मार्च। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रदेश के विभिन्न उद्योगों में कार्यरत मजदूरों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए श्रमिक संघ को मान्यता हासिल करना होगा। कर्मचारी जिस यूनियन को चुनाव करेंगे, उसी यूनियन प्रबंधन वार्ता करेगा और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तब सभी यूनियन से प्रबंधन को चर्चा करना होगा।

प्रदेश में स्थित विभिन्न उद्योगों में वर्तमान में औद्योगिक संबंध अधिनियम (आइआर) लागू है। इसके तहत कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे किसी एक संगठन से प्रबंधन वार्ता करता है। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस नियम को लागू किया गया था। इससे इंटक को कई उद्योगों की मान्यता मिल गई थी, जबकि पूर्ववर्ती डा रमन सिंह की सरकार ने वर्ष 2012 में राज्य में औद्योगिक विवाद अधिनियम (आइडी) एक्ट लागू किया था। इससे उसी यूनियन से वार्ता की जाती थी, जिस यूनियन के साथ श्रमिक ज्यादा हो और उन श्रमिकों द्वारा मतदान कर संबंधित यूनियन को मान्यता दी जाती थी। आइआर लागू होने से अधिकांश उद्योग में प्रबंधन ने अपनी मनपसंद की यूनियन को मान्यता दे वार्ता करना शुरू कर दिया। इसमें इंटक को ज्यादा महत्व दिया गया। इससे कई बार प्रबंधन अपने दबाव में संबंधित यूनियन से अनुमति ले लेता था, इसका खामियाजा कर्मियों को उठाना पड़ रहा था। राज्य में भाजपा की साय सरकार सत्तारूढ़ होते ही पुनरू आइडी एक्ट लागू की मांग उठने लगी।

भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल ने श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन से मुलाकात कर आइडी एक्ट लागू करने की मांग की। राज्य सरकार ने इसे लागू करने का आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। यहां बताना होगा कि आइडी एक्ट में लोहा, स्टील, एल्यूमिनियम, विद्युत उत्पादन- पारेषण व वितरण, कपड़ा, लोकवाहन, यातायात, सीमेंट, चमड़ा, दुग्ध उत्पाद, एल्कोहल समेत अन्य उद्योग को शामिल किया गया है।

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