रफ्तार की भेँट चढ़ी गर्भवती चीतल

कोरबा 06 फरवरी। पतरापाली से कटघोरा नेशनल हाईवे- 130 फोरलेन सडक मार्ग ना आदमी के लिए महफूज है और ना ही जानवरों के लिए..! इस हाईवे पर आए दिन दुर्घटनाओं का दौर जारी है. आज फिर सडक पार कर रहे एक मादा चीतल ने अज्ञात वाहन की चपेट में आकर दम तोड़ दिया।

विदित हो कि अभी एक सप्ताह पूर्व ही हाईवे पर सडक पार कर रहा एक चीतल अकाल मौत का ग्रास बन गया था.पाली वन परिक्षेत्र विभिन्न वन्यजीवों का रहवास है. वन परिक्षेत्र पाली में सरायपाली कोयला खदान खुलने और फोरलेन सडक मार्ग बन जाने के बाद वन्य जीव का रहवास क्षेत्र सिमट कर रह गया है. पाली वन मुख्यालय के समीप 10 किलोमीटर का दायरा चीतल-हिरन का समूह स्वछंद विचरण के लिए जाना जाता है,जो विकास की भेंट चढ़ गया है. वनो की बलि लेकर खदान और सडक तो बना दिया गया है लेकिन बेजुबान वन्य जीवो की सुध लेने वाला कोई नही है. वन्य जीवों के लिए पानी और चारे की कमी होने से इनका रुख आबादी वाले क्षेत्रों में हो रहा है. यही कारण है कि हादसों में बेजुबान जानवर मारे जा रहे हैं। सोमवार को दोपहर पाली बायपास वन विभाग विश्राम गृह के समीप हाईवे को पार कर रहा एक चीतल को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने फॉरेस्ट नर्सरी लाकर वैधानिक कार्रवाई के बाद अंतिम संस्कार कराया. वन कर्मियों के अनुसार चीतल गर्भवती थी,और उसका शीघ्र प्रसव होने वाला था. दुर्घटना में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई।

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