खदान के भीतर चालक की मौत मामले में डीजीएमएस कर रहा जांच
कोरबा 07 फरवरी। साउथ इंस्टर्न कोल फील्डस लिमिटेड गेवरा क्षेत्र की रूगड़ा साईड पर एक सप्ताह पहले हुई दुर्घटना को लेकर डीजीएमएस जांच में जुटा हुआ है। हादसे में एक वाहन चालक की मौत हो गई थी। बताया गया है कि मौसूदा जांच इस बात को लेकर हो रही है कि हादसा खदान के भीतर हुआ या बाहर के क्षेत्र में।
कोरबा जिले के अंतर्गत एसईसीएल की गेवरा माईंस में कोयला उत्पादन की मात्रा में बढ़ोत्तरी होने के दबाव बीच हादसो का सिलसिला भी बढ़ रहा है। कामगारों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। एक सप्ताह पूर्व गेवरा माईंस में आउट सोर्सिंग से जुड़ी रूगटा कंपनी के साईड पर हुए हादसे में दीपका थाना क्षेत्र अंतर्गत निवास करने वाले हीरा राठौर की मौत हो गई थी । वह वाहन का चालक था और पिछले कुछ समय से इस कंपनी के लिए सेवाएं दे रहा था। घटना दिवस को अपने उपयोग के लिए पानी लेने के लिए चालक संबंधित क्षेत्र में जा रहा था। उस दौरान एक अन्य वाहन ने उसे अपनी चपेट में लिया । इस घटना में राठौर बुरी तरह से जख्मी हो गया और उसकी मौत हो गई। घटनाक्रम को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे है । प्रबंधन की सूचना पर पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया है।
दूसरी ओर खदानों में होने वाले हादसो को लेकर जांच करने वाले संस्थान खान सुरक्षा महानिदेशालय ने अपना काम शुरू किया है। सूचनाओं में बताया गया कि डीजीएमएस की एक टीम इस क्षेत्र का रूख किया है। उसके द्वारा कई बिंदुओं पर मामले की पड़ताल की जानी है। कई पक्षों से पूछताछ के साथ मौके का ट्रायल करने के साथ-साथ यह तय किया जाएगा कि घटना खदान क्षेत्र में हुई या उसके बाहर। जांच के बिंदुओं पर काम करने और इसका निष्कर्ष निकालने के बाद डीजीएमएस अगली कार्रवाई करेगा। दसरी ओर ट्रक चालक की मौत को लेकर उसके परिजनों ने 10 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को कंपनी में रोजगार देने की मांग की । याद रहे इसी विषय को लेकर भू-विस्थापित संगठन की ओर से झंडे बैनर के साथ खदान क्षेत्र में प्रदर्शन भी किया जा चुका है। उसने माईंस इलाके में बार-बार हो रहे ऐसे प्रकरणों पर चिता जताने के साथ संरक्षा के स्तर मजबूत प्रबंध करने की मांग भी दोहराई है।
खदानों में कोयला उत्खनन जैसे कार्यो से भले ही घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं की जरूरत पूरी होती है। और कंपनी को इससे भारी भरकम फायदा प्राप्त होता है। इन सबके बावजूद गंभीर बात यह है कि कंपनी के बड़े अधिकारी स्वीकार करते है कि खनन जैसी गतिविधियां प्रकृति के अनुकूल नही है। पिछले दिनों गेवरा प्रवास पर आए डीजीएमएस धनबाद ने मीडिया से बातचीत में साफ तौर पर माना था कि हमारा काम कुल मिलाकर प्रकृति के विरूद्ध है। इसलिए सुरक्षा के मामले में कभी भी संतुष्ट नही हुआ जा सकता।