600 लोगों ने कराया प्रकृति परीक्षण, बताई गई स्वास्थ्य की स्थिति
कोरबा 27 दिसम्बर। आयुष मंत्रालय भारत राष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति परीक्षण अभियान चला रहा है। लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ यह जानकारी दी जा रही है कि उनकी प्रकृति क्या है और उन्हें खानपान से लेकर अन्य मामलों में क्या सावधानी बरतने की जरूरत है।
शिव औषधालय निहारिका कोरबा में अभियान के अंतर्गत 600 लोगों ने अपना प्रकृति परीक्षण कराया। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, आयुष छत्तीसगढ़ के संयुक्त संचालक डॉ.सुनील दास तथा देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के प्रांतीय संयोजक, छत्तीसगढ़ आयुर्वेद यूनानी प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ.संजय शुक्ला के निर्देशन में कोरबा जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ.उदय शर्मा कोरबा के मार्गदर्शन में देश का प्रकृति परीक्षण अभियान कोरबा जिला के समन्वयक डॉ.पवन कुमार मिश्रा एवं सह समन्वयक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा के नेतृत्व में शिव औषधालय निहारीका के प्रधान चिकित्सक, देश का प्रकृति परिक्षण अभियान के सह समन्वयक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने सभीका प्रकृति परीक्षण कर उन्हें उनकी प्रकृतिनुसार आहार-विहार-विचार परामर्श एवं उपचार के विषय में विस्तार से बताते हुये उन्हें उनकी प्रकृति का डिजिटल सर्टिफिकेट भी प्रदान कीया।
अभियान के सह समन्वयक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया की जिस तरह से पूरी सृष्टि का निर्माण पंचमहाभूत (आकाश-वायु-अग्नि-जल-पृथ्वी) से हुआ है, उसी तरह हमारा शरीर भी पंचभौतिक (आकाश-वायु-अग्नि-जल-पृथ्वी) है। और जो तीन दोषों वात-पित्त-कफ से हमारी प्रकृति का निर्माण होता है वह दोष भी अलग अलग महाभूतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस तरह प्रकृति परीक्षण के माध्यम से हम अपनी प्रकृति को जानकर इस पंचमहाभूतात्मक सृष्टि से अपनी प्रकृति अनुसार आहार विहार कर स्वस्थ व आनंदित जीवन जी सकते हैं। शिविर को सफल बनाने में नेत्रनंदन साहू, कमल धारिया, अश्वनी बुनकर, चक्रपाणि पांडेय, अरुण मानिकपुरी, महेंद्र साहू, देवबलि कुंभकार, सिद्धराम शाहनी, राकेश इस्पात, कमला कुंभकार, नेहा कंवर एवं श्री शिव औषधालय की संचालिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।