प्रायश्चित करने गौसेवा को बनाया माध्यम
कोरबा 01 फरवरी। अलग-अलग कारण से अपराध करने के बाद जेल का रास्ता नापने वाले आपराधिक तत्व अपने किये का प्रायश्चित करने को लेकर गंभीर हो रहे हैं। इसके लिए उन्होंने गौसेवा को माध्यम बनाया है। कोरबा के जिला जेल में पार्श्वनाथ गौसेवा समिति के द्वारा गौशाला का संचालन किा जा रहा है। इसके माध्यम से उन गायों की सेवा संभव हो रही है जो विभिन्न क्षेत्रों में बीमार अथवा उम्रदराज स्थिति में मिलती हैं। इनकी सेवा के लिए जेल प्रबंधन ने शेड्यूल बना रखा है।
जेलर विज्ञानंद सिंह बताते हैं कि कुछ और क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रयोग किये गए हैं, कोरबा भी इसमें शामिल हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि चेहरे से खूंखार दिखने वाले अपराधी भी इन गायों के सामने नतमस्तक होते हैं। बारी-बारी से उनकी सेवाएं इस काम में प्राप्त हो रही है। वे मानते हैं कि अपने हाथों से हुए अपराध का प्रायश्चित करने के लिए यह भी एक जरिया हो सकता है। जेलर ने बताया कि जमानत पर छूटने की स्थिति में बंदी आदर्श जीवन की शुरुआत करने का संकल्प भी लेते हैं। गौसेवा से अगर लोगों का जीवन बेहतर होता है तो यह बड़ी बात है।