अधिवक्ता सुरक्षा कानून को लेकर आक्रोश रैली निकाल अधिवक्ता संघ ने सौंपा ज्ञापन

कोरबा 26 अगस्त। कटघोरा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता संघ ने पत्रकार सुरक्षा कानून समेत अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। साथ ही अपनी मांगों को शीघ्र पूर्ण करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

अधिवक्ता संघ कटघोरा के सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि अधिवक्ता द्वारा विभिन्न वर्ग को न्याय प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। न्यूनतम फीस लेकर या फिर मदद के रूप में निश्शुल्क कानूनी परामर्श देकर गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान करने का प्रयास करते हैं। आपराधिक मामलों या जमीन जायदाद के मामलों में विरोधी पक्षकार अधिवक्ताओं को पैरवी करने से रोकने का हर संभव प्रयास करते हैं। कई लोग अधिवक्ताओं के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट लिखानेए आपराधिक षड्यंत्र में फंसाने की धमकी देने एवं हमला करने के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इन सब कारणों से अधिवक्ता व उसका परिवार अधिकांश समय असुरक्षा तथा तनाव से ग्रसित रहता है।
अधिवक्ताओं की निश्चित आमदनी का साधन नहीं होने एवं विधि व्यवसाय के अतिरिक्त कोई अन्य व्यवसाय नहीं करने की बाध्यता के कारण बहुत से अधिवक्ता साथी संघर्षपूर्ण जीवन यापन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सभी अधिवक्ताओं के सुरक्षा तथा कल्याण के लिए मांगों को शीघ्र पूरा करने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौेपा। इस दौरान संघ के अध्यक्ष सुनील वर्मा, कोषाध्यक्ष अब्दुल रहमान खान, पूर्व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सुधीर मिश्रा, संरक्षक पवन जायसवाल, बसंत गुप्ता, उपाध्यक्ष कुशवाहा राम कैवर्त, सहसचिव संतोषी गोस्वामी, पुस्तकालय प्रभारी मनोहर लाल यादव, कार्यकारिणी सदस्य सहारा परवीन बख्श, तीज राम चौकसे, माइकल किस्पोट्टा, रवि आहूजा, राजेश पाल, विवेक दुबे, भरत लाल पांडे व बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।

सचिव सिन्हा ने बताया कि सबसे पहले अधिवक्ता सुरक्षा कानून को यथाशीघ्र लागू किया जाए। इसके साथ ही अधिवक्ता को सह परिवार नि:शुल्क मेडिकल सुविधा एवं 10 लाख रुपये का बीमा लाभ दिया जाए। मृत्यु दावा राशि को बढ़ाकर 10 लाख किए जाने की प्रमुख मांगें हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने घोषणा पत्र में इन मांगों को सरकार बनने पर पूरा करने का वादा किया गया थाए लेकिन छत्तीसगढ़ के 27 हज़ार से ज्यादा अधिवक्ताओं की अनदेखी करते हुए अभी तक पूरा नहीं किया गया। इससे अधिवक्ता संघ उद्वेलित एवं आक्रोशित है।

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