खदानों के अंदर छोटे वाहनों के लिए बन रहा अलग मार्ग
कोरबा 26 जुलाई। द्विपक्षीय खान सुरक्षा समिति की बैठक में खदानों में नई तकनीक पर जोर देते हुए एसईसीएल प्रबंधन ने बताया कि भूमिगत खदानों में कामगारों के आवागमन की सुविधा के लिए मैन राइडिंग सिस्टम की व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। खुली खदानों में रात्रि पाली में आवागमन कर रहे वाहनों के ऊपर रिफ्लेक्टर लगाया गया है, वहीं दिन में लाइट मोटर व्हीकल के ऊपर लाल रंग का गश्त झंडा लगाया जा रहा है। गेवरा, दीपका मेगा प्रोजेक्ट्स में खदानों के अंदर हल्की गाडिय़ों के संचालन के लिए अलग लेन मार्ग बनाया गया है, इससे भारी मशीनें निर्बाध रूप से आवागमन कर सकें।
साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में 59 वीं कंपनी स्तरीय द्विपक्षीय खान सुरक्षा समिति की बैठक का शुभारंभ सुरक्षा दीप प्रज्ज्वलन से शुरू हुआ। इसके बाद श्रमवीरों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। कोल इंडिया कारपोरेट गीत बजाने के बाद सभी लोगों ने सुरक्षा शपथ लिया। स्वागत संबोधन बीपी सिंह महाप्रबंधक खान सुरक्षा-बचाव ने देते हुए सुरक्षा के संबंध में जानकारी उपलब्ध दी। बैठक में पावर प्वाईंट के माध्यम से सुरक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। सुरक्षा समिति के सदस्यों ने सीएमडी डा प्रेम सागर मिश्रा द्वारा आरंभ किए गए मिशन सुदेश पर चर्चा करते हुए बेहद उपयोगी बताया। सभी ने हाल ही में कंपनी द्वारा सबसे तेज गति से 500 लाख टन आफटेक व उत्पादन तथा सौ मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर पूर्ण कर लेने पर एसईसीएल टीम को बधाई दी।
इस दौरान निदेशक तकनीकी संचालन एसके पाल, निदेशक तकनीकी योजना. परियोजना, एसएन कापरी, महाप्रबंधक खान सुरक्षा.बचाव, बीपी सिंह, सुरक्षा समिति के सदस्य आनंद मिश्रा एचएमएस, बी धर्माराव एटक, संजय सिंह बीएमएस, कमलेश शर्मा एसईकेएमसी, इन्द्रदेव चौहान सीटू, पी चंद्रकांत सीएमओएआईए विभिन्न विभागाध्यक्षों की उपस्थित रहे। महाप्रबंधक खान सुरक्षा व बचाव बीपी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संजीव अग्रवाल मुख्य प्रबंधक खनन ने पावर प्वाईंट के जरिए प्रस्तुति दी। प्रबंधन ने बताया कि एसईसीएल के कटकोना, खैरहा, गायत्री खदानों में चार नए मैन राइडिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं, वहीं चार अन्य की निविदा जारी हो गई है। साथ ही अतिरिक्त चार अनुमोदन के स्तर पर हैं। मैन राइडिंग सिस्टम में कामगार पैदल चलने के बजाए मैकेनाइज्ड परिवहन व्यवस्था से खदान के फेस के समीप तक पहुंच जाते हैं और इससे उत्पादकता में बढ़ोत्तरी आती है।