कोरबा का प्रहलाद खोलेगा अब कोयला- डीजल चोरी का राज
कोरबा 23 जुलाई। जिले में करोड़ों रुपयों के कोयला डीजल चोरी के लिए कुख्यात प्रहलाद नामक शख्स अब संगठित रूप से होने वाले कोयला और डीजल चोरी का राजफाश करेगा।
भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कुख्यात कोयला डीजल माफिया को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गोवा से अपने हिरासत में ले लिया है। अब साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड यानी एसईसीएल की दीपका, गेवरा और कुसमुंडा कोयला खदान से पिछले अर्से में हुए करोड़ों रुपयों के कोयला और डीजल चोरी के गुनाहगारों के चेहरे से जल्द पर्दा उठने का कयास लगाया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रहलाद नामक यह शख्स लंबे समय से एसईसीएल की कोयला खदानों में संगठित रूप से कोयला और डीजल चोरी कराता रहा है। कोयला और डीजल चोरी के फील्ड में हीरा, अभिषेक, विशाल और मुस्ताक का नाम भी सरगर्म चर्चा में रहता आया है। राजा और आकाश भी एस ई सी एल की कुसमुंडा खदान से डीजल चोरी के लिए चर्चित है। कोयले के काले कारोबार को लेकर अंशु भी एक कुख्यात नाम है, जो कुछ महीनों से दृश्य पटल से गायब है। माना जा रहा है कि एसईसीएल को करोड़ों रुपयों का चूना लगाने वाले इन सभी लोगों पर ईडी की गाज कभी भी गिर सकती है। कुसमुंडा का एक कोयला लिफ्टर का नाम भी सूचीबद्ध किया जाना बताया जा रहा है, जिसकी ट्रकें चोरी का डीजल खपाने और चोरी का कोयला परिवहन करने का प्रमुख माध्यम बताए जाते हैं। बताते हैं कि यह लिफ्टर नेतागिरी भी जमकर करता है और कथित रूप से एस ई सी एल प्रबन्धन को खदान बन्द करा देने की धमकी देकर हमेशा अपने दबाव में रखता है।
सूत्रों के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कोरबा जिले में बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा सकती है। सूत्रों ने दावा किया है कि प्रह्लाद से मिलने वाले इनपुट के जरिये प्रवर्तन निदेशालय, कोरबा जिले के कई सफेदपोश लोगों को शीघ्र ही बेनकाब कर सकता है।
आपको बता दें कि एसईसीएल की कोयला खदानों की सुरक्षा की तिहरी व्यवस्था की गई है। एसईसीएल की स्वयं की सुरक्षा टीम के अलावे त्रिपुरा राइफल्स और सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती कोयला खदानों की सुरक्षा के लिए की गई है। परंतु एसईसीएल की दीपका, गेवरा, कुसमुंडा, मानिकपुर, बुड़बुड़, रजगामार, ढेलवाडीह, सुराकछार कोयला खदानों से कोयला और डीजल की चोरी पर बंदिश नहीं लग पा रही है। एस ई सी एल को प्रतिमाह करोड़ों रुपयों की आर्थिक क्षति पहुंचती आ रही है।