तिरछी-नज़र @ रामअवतार तिवारी
तिरछी नजर 👀 : रामअवतार तिवारी
मनसुख नहीं धनसुख चाहिये…
छत्तीसगढ़ भाजपा की चुनावी कमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मण्डाविया को सौंपने का ऐलान पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं भर पाया। पांच साल सत्ता से बाहर रहने वाली पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता कहते हैं कि मन की बात तो बहुत सुन ली। अब धन की बात होनी चाहिए। यानी चुनाव में मनसुख भाई नहीं धनसुख भाई चाहिये। देखना दिलचस्प होगा कि देश की सेहत का ज़िम्मा सँभालने वाले मंत्री कार्यकर्ताओं को कितना धनसुख दे पाते हैं।
एक ट्रांसफर सूची और..
सरकार आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले की एक और सूची जारी कर सकती है। इसमें दो-तीन कलेक्टरों को बदला जा सकता है।
चर्चा है कि एक मंत्री और एक महिला विधायक अपने जिले के कलेक्टर को बदलने के लिए प्रदेश प्रभारी सैलजा तक अपनी बात रख चुके हैं।ऐसे में संभावना है कि इस माह के आखिरी तक प्रशासनिक फेरबदल की एक सूची जारी होगी।
पुलिस में भी रायपुर एसएसपी को बदले जाने की चर्चा है। डीजी (जेल) संजय पिल्ले भी इसी माह रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस में बड़ा चेंज संभव है। अगस्त के पहले हफ्ते में चुनाव आयोग कलेक्टर-एसपी के तबादलों पर रोक लगा सकती हैं। ऐसे में जो भी बदलाव होगा, वो इस माह के अंत तक हो जाएगा।
डिप्टी सीएम की पूछपरख
डिप्टी सीएम बनने के टीएस सिंहदेव की पार्टी के भीतर पूछपरख बढ़ने लगी है। सीएम भूपेश बघेल से रिश्तों में खटास भी अब दूर होने लगी है।
कैबिनेट में सीएम ने सिंहदेव का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाकी मंत्रियों ने भी उन्हें बधाई दी। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने तो एक कदम आगे जाकर अपने क्षेत्र में कार्यक्रम के लिए आमंत्रित भी कर दिया।
सिंहदेव के सरकारी बंगले में भीड़ बढ़ने लगी है। और तो और सीएम के विधानसभा क्षेत्र पाटन के एक बूथ कमेटी के कार्यक्रम में पहुंचे, तो उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ मच गई। कुल मिलाकर कांग्रेसजनों में कुछ हद एका दिखाई देने लगा है। आगे यह कायम रह पाता है या नहीं, ये देखने वाली बात है।
गुजराती बनाम छत्तीसगढ़िया
अगला विधानसभा चुनाव गुजराती बनाम छतीसगढ़िया होने वाला है। भाजपाई ख़ेमे की कमान अमित शाह और मनसुखभाई सँभालेंगे। मध्यप्रदेश में गुजरात के कारोबारी और पूर्व नौकरशाह अश्विनी वैष्णव को ज़िम्मेदारी मिली है। यानी गुजरात कनेक्शन भाजपा में सफलता की गारंटी है। चुनावी कढ़ी में भी गुजराती तड़का लगने जा रहा है। वहीं कका छत्तीसगढ़िया रंग भरकर भाजपा पर भारी पड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
मन की बात…
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद एक दिग्गज भाजपा नेता हार के कारणों की रिपोर्ट देने दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व संगठन के प्रमुख लोगों ने उक्त दिग्गज भाजपा नेता को यह कहकर चौंका दिया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार से कार्यकर्ता खुश हैं। यह बात पुरानी है लेकिन दिल्ली में बैठे नेताओं ने कार्यकर्ताओं को खुश करने का क्या प्लान तैयार किया है। इसको लेकर भ्रम की स्थिति साफ होती दिख रही है। अहम बैठकों और मंच में जगह नहीं मिलने से दिग्गज पूर्व मंत्री,पूर्व विधायक ,पूर्व सांसद, निगम-मंडल अध्यक्ष परेशान हैं।
आम आदमी पार्टी से सतर्क…
बिलासपुर संभाग में छोटे दलों की राजनीतिक सक्रियता बढ़ गयी है । गोड़वाना गणतंत्र पार्टी, बसपा के बाद अब आम आदमी पार्टी सक्रिय हो गयी है। आप पार्टी के संगठन महामंत्री संदीप पाठक का जन्मभूमि बिलासपुर के मुंगेली है। राजनीतिक समीकरणों के इतिहास को खंगालने से यह पता चलता है कि कई बार छोटे पार्टियों को सबसे ज्यादा फायदा बिलासपुर संभाग में होता है। जोगी कांग्रेस को भी बड़ी सफलता बिलासपुुर संभाग में मिली थी। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल व भगवत मान सिंग का जोरदार सभा कर अपनी जमीन बनाने का प्रयास किया है। आम आदमी पार्टी ने जिस तरह सभा के लिए पैसा बहाया उससे कांग्रेस व भाजपा के नेता डर गये हैं । दोने पार्टी के असंतुष्टों पर आम आदमी पार्टी की निगाह लगी है। छत्तीसगढ़ में राजनीतिक समीकरण पैसे के बल पर बनने के दावे भी जोर-शोर से हो रही है।
तिरछी-नज़र@रामअवतार तिवारी, सम्पर्क-09584111234