28 मई को सिंधी समाज के विभिन्न संतों व संस्थाओं द्वारा रायपुर में शंकराचार्य द्वय का अभिनन्दन
भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने का अभियान चला रहे साईं मसन्द की पहल
रायपुर। श्रीज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम उत्तराखण्ड के शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज एवं श्रीद्वारकाशारदामठ के शंकराचार्य स्वामीश्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज यहां बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने रायपुर पधार रहे हैं। करीब ११ वर्षों से देश के शंकराचार्यों व अन्य महान संतों के सहयोग से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने का अभियान चला रहे स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द जी का इन दोनों शंकराचार्यों से घनिष्ठ सम्पर्क है। उनकी पहल पर रविवार, २८ मई को दोपहर साढे ३ बजे से शंकराचार्य आश्रम में सिंधी समाज के स्थानीय पूज्य संतों, पूज्य सिंधी पंचायतों एवं समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा पूज्यपाद शंकराचार्यों से सम्पर्क व अभिनन्दन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम में शदाणी दरबार तीर्थ के संत डॉ. युधिष्ठिरलाल, गोधड़ीधाम देवपुरी की महंत अम्मा मीरादेवी, श्रीदुर्गामढ़ी लिली चौक के महंतश्री अनन्तपुरी गोस्वामी, विभिन्न सिंधी गुरुद्वारों के महंतगण, ब्राह्मण मंडल के पंडितगण, देश-विदेश में विख्यात कुछ सिंधी संतों के नाम पर गठित स्थानीय सेवा समितियों, छत्तीसगढ़ सिंधी साहित्य अकादमी, निर्वाचित व मनोनीत सिंधी राजनेता, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, छत्तीसगढ़ जनरल सिंधी प्रदेश पंचायत, नगर की विभिन्न मुहल्ला सिंधी पंचायतों, भारतीय सिंधु सभा, सिंधी काऊंसिल आफ इंडिया, विश्व सिंधी सेवा संगम, राष्ट्रीय सिंधी मंच आदि की स्थानीय शाखायें, झूलेलाल नवयुवक संघ, श्रीराम मंडली, संत कंवरराम सेवा समिति, शहीद हेमू कालाणी समिति, बढ़ते कदम, एक पहल और, सिंधु एकता संघ, सिंधु शक्ति संघ, सिंधु समाधान, दिव्य ज्योति, सारथी, संत कंवरराम सेवा संकल्प व कुछ महिला मंडलों आदि संगठनों के पदाधिकारी पूज्यपाद शंकराचार्यों का सम्मान करेंगे।