23 हजार मजदूरों ने 380 दिन काम करके 57 तालाबों का निर्माण कार्य किया पूरा

कोरबा 01 मई। श्रम साधकों के संगठन शक्ति के आगे हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। आजादी के 75 वर्ष गांठ पूरा होने पर केंद्र सरकार ने जिले में 75 अमृत सरोवर निर्माण की कार्य योजना बनाई है। जिसे आगामी 15 अगस्त तक पूरा करना है। यह लक्ष्य आसान नहीं था बावजूद इसके मनरेगा के भागीरथों ने गर्मी हो या ठंड किसी भी सीजन की परवाह किए बिना हाड़तोड़ मेहनती किए। मजदूरों ने पसीना बहाया और अब अन्नदाता किसानों के खेतों तक पहुंचने वाला सरोवरों का जल फसल के लिए अमृत साबित होगा।

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत 23 हजार मजदूरों ने 380 दिन काम करके 57 तालाबों का निर्माण पूरा कर लिया है। 15 अगस्त 2022 में स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ रही। इस मौके पर केंद्र सरकार ने देश भर के सभी जिलों में 15 अगस्त 2023 तक अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत 75 सरोवर तैयार करने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ में संरक्षण की दिशा में अब तक नरवा विकास का काम होता रहा। पहली बार वृहत पैमाने पर सरोवर निर्माण कर जल संरक्षण को मूर्त रूप दिया जा रहा है। जिस प्रगति से जिले में सरोवर खुदाई का काम हो रहा है वह राज्य भर में शीर्ष पर है। अब तक जिले में 57 सरोवर पूरे हो चुके हैं। सात ऐसे सरोवर हैं जिनका निर्माण वर्षा के पहले पूरा होने से इनमें जल भराव भी हो चुके हैं। अब तक तैयार हो चुके सरोवर में आगामी मानसून में पहली बार जल भराव होगा। खास बात यह है कि सरोवर निर्माण के कार्य से 23 हजार मजदूरों को रोजगार मिला है। सरोवर निर्माण के कार्य शुरू होने से मजदूरों को गांव में ही लंबे समय के लिए रोजगार मिल रहा है। मानसून शुरू होने के पहले शेष बचे 18 सरोवरों का काम पूरा करना है।

फसल कटाई के बाद कार्य में प्रगति आ चुकी है। निर्माण कार्य जारी रहने से रोजगार सृजन दिवस भी बढ़ेगी। साथ ही जिन स्थानों में सरोवर का निर्माण हुआ है वहां खरीफ के अलावा ग्रीष्म में भी किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। सरोवर बनने से 2200 हेक्टेयर रकबा की मिट्टी क्षरण रूकेगी। जल संग्रहण क्षमता बढऩे के साथ 4ण्47 लाख क्यूबिक मीटर भूमिगत जल स्त्रोत संरक्षित होगा। जून माह के पहले सभी तालाबों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। सरोवरों से 2100 हेक्टेयर कृषि रकबा को सिंचाई सुविधा मिलेगी। प्रति सरोवर 11ए600 क्यूबिक मीटर जल संरक्षण बढऩे से सिंचाई के अलावा निस्तारी सुविधा भी मिलेगी। साथ ही आसपास के कुएंए हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोत भी संरक्षित होंगे। अमृत सरोवर के जल संरक्षण से कृषि रकबा में भी विस्तार होगा। धान के अलावा ग्रीष्म फसल में गेहूंए दहलन व तिलहन का भी पैदावार ले सकेंगे। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कुमार का कहना है कि अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत जिले जिले में 75 सरोवरों का निर्माण किया जाना है। 57 सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। निर्माण कार्य से सृजित रोजगार दिवस में भी वृद्धि हुई है। आगामी 15 अगस्त तक सभी सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

सरकारी सरोवर होने के कारण जल भराव के पश्चात इसे महिला समूहों को लीज पर दिया जाएगा। इसमें मछली पालन के अलावा सिंघाडा उत्पादन भी किया जाएगा। जिला मत्स्य और उद्यानिकी विभाग स्वरोजगार के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। विभागीय अधिकारी की माने तो सरोवर निर्माण के लिए जिन महिला समूहों ने रोजगार गारंटी में काम किया है उन्हे ही लीज पर दिया जाएगा, ताकि आगे भी इस योजना से वे रोजगार मूलक निर्माण कार्य को मूर्त रूप दे सकें।

सरोवर के मेड़ को निर्माण की शुरूआत से ही चौड़ा बनाया जा रहा है। आगामी मानसून से चारों ओर फलदार पौधों की रोपणी की जाएगी। रीपा योजना के तहत फलोद्यान विकसित करने की भी योजना है। वर्ष के अलग.अलग मौसम में व्यवसायिक आमदनी देने वाले सीता, बेर, अमरूद, आम, नींबू, कटहल आदि के पौधे रोंपे जाएंगे। इससे व्यवसाय की रूटिन बनी रहेगी और योजना से जुड़ी महिलाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी।

जिला पंचायत ने सभी सरोवरों को 15 अगस्त के पहले निर्माण करने का लक्ष्य रखा है। निर्माण की प्रगति को देखते हुए माना जा रहा है कि जून माह के पहले ही शेष 18 सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। बीते वर्ष 10 सरोवरों में ध्वजारोहण करने का लक्ष्य रखा गया था। बहरहाल स्वतंत्रता दिवस के 75 वीं वर्ष गांठ के अवसर पर निर्मित सरोवर से आने वाले वर्षों अतिरिक्त सरोवरों के निर्माण की इससे प्रेरणा मिलेगी।

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