सौ गुना ज्यादा लाभ देने का झांसा देकर ठगी, पांच लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
कोरबा 27 अप्रैल 2023। प्रदेश सरकार के लोगो के साथ आईडी जनरेट करते हुए कोरबा जिले में झांसेबाजी की दुकानदारी चलाने वाले कथित आरपी ग्रुप ने लाखों की ठगी की। मामले में मुख्य आरोपी की तलाश पुलिस कर रही है। उसका एक सहयोगी भी फरारी काट रहा है। जबकि तीन आरोपियों को अलग-अलग चरण में सीएसईबी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ठगी की रकम से खरीदे गए कई वाहन जप्त किये गए हैं।
वर्ष 2016 से ठगी के इस नेटवर्किंग मार्केट को कोरबा जिले में प्रारंभ किया गया। ठगी पर पूरी तरह से आधारित इस काम को ऊंचाई देने के लिए बहुत ही शानदार स्क्रिप्ट लिखी गई। बालको नगर और बुधवारी कोरबा के पांच लोगों की भूमिका इसमें अहम रही। बालको नगर के मनीष दिव्य और राजेन्द्र दिव्य ने अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ काम को विस्तार दिया। इसके साथ ही आगे काम शुरू किया गया। योजना बनाने के साथ प्रचारित किया गया कि सरकार के स्तर पर यूरेनियम सप्लाई का काम किया जाना है। आरपी ग्रुप इसे संपन्न करेगा। इसके अंतर्गत 50 हाजार या इससे अधिक राशि निवेश करने पर संबंधित लोगों को 100 गुना ज्यादा रकम प्राप्त होगी, वह भी निश्चित समय में। समय सीमा बहुत ज्यादा नहीं थी और फायदे असीमित थे। इसलिए लोगों का लालच बढ़ा और उन्होंने जमापूंजी आरपी ग्रुप में लगा दिया। समय गुजरने पर जब लोगों को दावे के तहत भारी भरकम राशि नहीं मिली और इसकी संभावना नजर आयी तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। मार्च 2023 में इसकी पहली शिकायत सीएसईबी में दर्ज हुई। इसके बाद फिर से दूसरा मामला पहुंचा। जानकारी मिली की कोरबा सहित आसपास के चार जिलों के लोगों ने आरपी ग्रुप के चक्कर में लाखों रूपए लगाए है। पुलिस ने मेवालाल साहू, मनीष दिव्य, राजेन्द्र दिव्य सहित पांच लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। संबंधितों के द्वारा जमाधन से खरीदे गए कई वाहन जप्त किये गए और सात बैंक खातों को सीज किया गया। जबकि दो फरार आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
इस मामले में मेवालाल साहू मुख्य आरोपी है। चांपा से बिलासपुर के बीच में उसके लोकेशन की जानकारी मिल रही है, लेकिन स्टे नहीं करने से दिक्कतें बनी हुई है। कोशिश जारी है कि जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाए। निवेशकों के धन से उसने फाच्र्युनर, इनोवा और आर्टिका वाहन खरीदा है। इस पर भी हमारी नजर है। मामले में आगे की जांच से आरोपियों द्वारा खरीदी गई चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिलेगी।
एसके धारी, चौकी प्रभारी सीएसईबी