भूगर्भीय सर्वेक्षण में कटघोरा के रामपुर जलाशय में मिला लिथियम व कोयले का भंडार

कोरबा 6 मार्च। कटघोरा ब्लॉक में अलग अलग स्थानों पर किए गए भूगर्भीय सर्वेक्षण में लिथियम की मौजूदगी मिली है। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने भी इसकी पुष्टि की है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि लिथियम का भंडार कितना है और उसका व्यवसायिक खनन किया जा सकेगा या नहीं। फिर भी कोयला के बाद लिथियम मिलने को लेकर विकास की नई उम्मीद जगी है।

कोरबा जिले में लिथियम का भंडार मौजूद है। परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय और भूगर्भ सर्वेक्षण संस्थान के सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। सर्वे का जो रिजल्ट आया है, इसके अनुसार जिले में पर्याप्त मात्रा में दुर्लभ खनिज तत्व की उपलब्धता है। हालांकि अभी इस पर शोध जारी है। कोरबा जिला में कोयला की एक बड़ी पट्टी हो कर गुजरती है। एक अधिकारी के मुताबिक ऐसी कोयला पट्टी के आसपास के क्षेत्रों में अन्य खनिज जिसमें हीरा तक शामिल होने की संभावना होती है। विगत करीब दो दशक से कोरबा जिला में अलग-अलग स्थानों खास कर कटघोरा और करतला ब्लॉक में भूगर्भीय सर्वेक्षण किए जा रहे है। इन दोनों ही ब्लॉक में कॉल डिपोजिट मिला है। करतला ब्लॉक में रेडियो एक्टिव पदार्थ मिलने की संभावना भी जताई गईए किंतु कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। इसी कड़ी में कटघोरा वनमंडल के गढ़कटरा क्षेत्र में लिथियम की उपलब्धता को लेकर सर्वे किया गया था। 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से 138 नमूने एकत्र किए गए थे। इन नमूनों की जांच के बाद पता चला कि यहां दुर्लभ खनिज तत्व में मौजूदगी है। गढ़कटरा बीहड़ वनांचल क्षेत्र है। अब कटघोरा शहर के वार्ड क्रमांक 7 महेशपुर में लिथियम खनिज का भंडार मिला है। यहां भूगर्भीय सर्वेक्षण की टीम लगभग 2 महीने से सर्वे के काम में जुटी हुई है।

ग्राम महेशपुर के अलावा रामपुर और नवागांव में भी खुदाई के दौरान लिथियम पाए जाने की संभावना हैं। महेशपुर में तालाब के निकट इसका भंडारण होना पाया गया है। लिथियम एक तरह का रेअर एलिमेंट है। इसे व्हाइट गोल्ड भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत दूसरे चार्जेबल बैटरियों को बनाने में किया जाता है। लिथियम एक नरम और चाँदी जैसी-सफेद धातु होता है। जम्मू कश्मीर में लिथियम का भंडार मिला है। इसकी क्षमता 59 लाख टन है। इसे श्श्व्हाइट गोल्डश्श् भी कहा जाता है। भारत में पहली बार इतना लीथियम मिला है जो दुनिया में तीसरे नंबर का बड़ा भंडार सिद्ध हो सकता है।अभी चीन पर लिथियम के लिए अवलंबित है। लिथियम एक अलौह धातु है। जिसका इस्तेमाल थर्मोन्यूक्लियर रिएक्शन में भी किया जाता है। लिथियम का उपयोग एल्युमीनियम और मैग्नीशियम के साथ मिश्र धातु बनाने के साथ ही मिश्र धातुओं की क्षमता बढ़ाने में भी किया जाता है। एल्युमीनियम.लि थियम मिश्र धातु का इस्तेमाल साइकिलों की फ्रेम, एयरक्राफ्ट और हाई.स्पीड ट्रेनों में भी किया जाता है। मूड स्विंग और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियों के इलाज में भी लिथियम का इस्तेमाल किया जाता है।

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