गजराजों के उत्पात से दहशत में है कटघोरा वनमंडल के कई गांव

कोरबा 2 जनवरी। जनहानि के साथ किसानों की फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला कोरबा जिले के दोनों वनमंडलों में कायम है। हाथियों के उत्पात के मामले एक दशक से भी ज्यादा समय से यहां बने हुए हैं। सरकारी धन के अपव्यय के बाद भी समस्या न केवल बनी हुई हैए बल्कि बढ़ोतरी की दिशा में आगे है। कटघोरा वन मंडल में हाथियों के उत्पात से कई क्षेत्रों में किसानों की फसल चौपट हो रही है। ऐसी स्थिति में किसान अपनी किस्मत के साथ-साथ सरकारी नियंत्रण की धराशायी होती व्यवस्था पर रो रहे हैं।

जिले के कटघोरा वनमंडल में हाथियों के दल ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। यहां 30 की संख्या में हाथियों का दल सक्रिय हैए जो कभी पसान रेंज पहुंच जाता है तो कभी केंदई व एतमा नगर रेंज में पहुंचकर रिहायसी क्षेत्रों में नुकसान पहुंचा देता है। हाथियों की वजह से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर है। हाथियों का यह दल बीती रात केंदई रेंज के कोरबी सर्किल अंतर्गत ग्राम रोदे पहुंच गया और यहां की बस्ती में प्रवेश कर एक ग्रामीण के मकान को ढहा दिया। इतना ही नहीं खेतों में पहुंचकर अरहर की फसल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों द्वारा रात में उत्पात मचाये जाने तथा एक ग्रामीण के घर को तोड़े जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला आज सुबह रोदे पहुंचा और नुकसानी का सर्वे करने के साथ ही अपनी रिपोर्ट तैयार की। इससे पहले हाथियों का यह दल रेंज के ही परला गांव में पहुंच गया था और दल में शामिल एक दंतैल खेतों के पास खेल रहे बच्चों को मारने के लिए दौड़ाया था। बच्चों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई थी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की। वन विभाग की टीम द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों ने जंगल का रूख किया था। जानकारी के अनुसार हाथियों का दल दिन भर जंगल में विश्राम करता है और शाम होते ही वहां से निकल कर गांव में धावा बोलता है।

Spread the word