नियमित वैक्सीनेशन के एक लाभार्थी बच्चे की तबीयत बिगडऩे के बाद मौत
कोरबा 10 दिसंबर। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत डेढ़ महीने के एक बच्चे की नियमित टीकाकरण के बाद कुछ घंटों में मौत हो गई। इसके पहले उसकी तबीयत खराब हुई। ध्यान नहीं देने के विपरित परिणाम हासिल हुए। मौत के बाद परिजन और आसपास के लोग आक्रोश में आए और कलेक्टोरेट के सामने हो हल्ला किया। प्रशासन को इस बारे में खबर हुई। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले में वास्तविक कारण को जानने के लिए जांच की बात कही है।
कोरबा के रिस्दी निवासी दिलबोध और कांति बाई के डेढ़ माह के पुत्र हर्षित को तीसरा टीका लगवाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र ले जाया गया। जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता रात्रे ने उसे टीका लगाया कुछ देर बाद हर्षित को बुखार आ गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने बताया कि यह टीका लगने के बाद हल्का बुखार आता ही है लेकिन बुखार हल्का नहीं था बल्कि काफी तेज था और सुबह होते होते हर्षित की मौत हो गई। घटनाक्रम के अंतर्गत परिजनों ने हर्षित का शव कलेक्ट्रेट लाकर उसे गेट के समीप रख दिया और बस्ती वालों के साथ मिलकर जांच की मांग की दोहराई। वस्तुस्थिति क्या है, इस बारे में अब तक स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ सकी है। इस बीच मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हर्षित को गलत अथवा एक्सपायर्ड टीका लगा दिया गया जो उसकी मौत का कारण बना। ग्रामीणों के कलेक्ट्रेट में विरोध करने की सूचना मिलने पर तहसीलदार मुकेश देवांगन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर दीपक राज सीएसपी कोरबा और रामपुर चौकी प्रभारी भी दल बल के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। पुलिस ने मर्ग कायम करने के साथ मृत बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में रिपोर्ट आने पर वास्तविक कारणों की जानकारी प्राप्त होगी और इसके आधार पर विभाग आगे कार्यवाही करेगा।
फोरेंसिक विभाग को जांच के लिए भेजी दवाई रूटीन वैक्सीनेशन के अंतर्गत बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं। टीका लगाए जाने के कुछ घंटे बाद एक बच्चे की मौत हुई, जबकि अन्य बच्चे भी इस टीके से लाभान्वित किये गए। उनके साथ किसी प्रकार के काम्प्लीकेशन नहीं हुए। स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने अपनी मर्जी से भी इस काम को नहीं किया। अब तक जो जानकारी मिली, उसमें पता चला कि बच्चे की तबीयत बिगडऩे पर परिजनों ने डॉक्टर को नहीं दिखवाया। इसके बाद घटना हुई। हमने मामले की जांच के लिए शव का पोस्टमार्टम करवाया है और सरकार के द्वारा सप्लाइड वैक्सीन को जांच के लिए फोरेंसिक लेब्रोरेट्री भिजवाया है। यहां से आने वाले नतीजों के आधार पर किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकेगा। इस मामले में किसी पर भी जवाबदेही थोपी जाएगी, ऐसा नहीं होगा। .डॉ.एस.एन.केसरी, सीएमएचओ कोरबा,