अयोध्या में होगी भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ती

नई दिल्ली 3 अगस्त। अयोध्या में पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार अपना खजाना खोलेगी। अयोध्या में टैगोर कल्चरल काम्पलेक्स के नाम से एक रामलीला अकादमी बनेगी। इसमें भारत ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों की रामलीला शैलियों के प्रदर्शन के साथ-साथ उनसे जुड़े विभिन्न पक्षों पर शोध व अध्ययन भी होगा। अयोध्या में ही वर्चुअल रामायण म्युजियम के भवन निर्माण का खर्च भी केन्द्र सरकार उठाएगी। ये फैसले शुक्रवार की शाम यहां केन्द्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रह्ललाद पटेल की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए।
अनुमानित लागत 500 करोड़
इसके साथ ही वहां मांझा बरहेटा इलाके में बनने वाली भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा (251 मीटर की ऊंचाई) के 12 एकड़ क्षेत्रफल में बनने वाले पैडस्टल के नीचे और अगल-बगल एक बड़ा काम्पलेक्स बनेगा। इसमें रामायण म्युजियम, व्यापारिक केन्द्र व सांस्कृतिक केन्द्र विकसित किया जाएगा। करीब 700 करोड़ रुपये के इस निर्माण की पूरी लागत केन्द्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना के लिए फिलहाल 100 करोड़ रुपये दिये भी जा चुके हैं।
84 कोसी मार्ग को संवारा जाएगा
अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को भी संवारा जाएगा। राज्य के 5 जिलों अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर और बाराबंकी की सीमाओं को छूने वाले 250 किलोमीटर के दायरे में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। चूंकि यह पूरा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग है तो अब इसका जीर्णोद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जरिए करवाया जाएगा जबकि पर्यटन विकास का जिम्मा केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय उठाएगा।
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