वायदे से मुकर रही सरकार के खिलाफ किया जाएगा आंदोलनः योगेश दत्त मिश्रा


कोरबा 7 मार्च। भारतीय मजदूर संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के संगठन मंत्री योगेश दत्त मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा चुनाव के पूर्व किए गए वायदे से मुकरने व श्रमिक हित को लेकर चल रही विभिन्ना योजनाओं को बंद कर दी गई है। इसे लेकर भारतीय मजदूर संघ आगामी दिनों में प्रत्येक जिलों में धरना-प्रदर्शन करेगा, इसके बाद प्रदेश स्तर पर भी उग्र आंदोल किया जाएगा। संगठन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

संगठनात्मक बैठक में भाग लेने कोरबा आए मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए असंगठित क्षेत्र के भी मजदूरों को जोड़ा जा रहा है और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निराकरण की जा रही है। मिश्रा ने कहा कि उद्योगों में नियमित कर्मियों के सेवानिवृत होने से आउटसोर्सिंग बढ गया है और इससे को संगठन मजबूत बनाना चुनौती बन गई है। अपने प्रवास के दौरान एसईसीेएल स्थित कार्यालय में इंटरनल आडिटर सुंदर सिंह वर्मा के साथ बीएमएस के संबंध उद्योगों व महासंघ का आडिट जांच किया। तदुपरांत बीएमएस कोरबा के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के संगठन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघए भवन एवं अन्य निर्माण मजदूर संघ ठेका श्रमिक संघ एवं भारतीय मजदूर संघ जिला कोरबा के पदाधिकारियों की बैठक जिला अध्यक्ष शरद नायर की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान असंगठित क्षेत्र से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघए भवन एवं अन्य संनिर्माण मजदूर संघ, विभिन्न उद्योगों के ठेका श्रमिक एवं भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष सुरेश साहू, सत्य प्रकाश गांधी गुप्ता प्रचार मंत्री भीम चौहान, कार्यालय मंत्री आशीष कुम्भकर, अनिल दुबे, अंजनी उपाध्याय, सीएसईबी कोरबा पश्चिम से एमएम पांडे, राम बाबू गंधर्व, श्रीनिवास राव, भारतीय कोयला खदान मजदूर संगठन से राजेंद्र यादव व अन्य ठेका मजदूर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भारतीय मजदूर संघ जिला मंत्री नवरतन बरेठ ने व आभार प्रदर्शन जिलाध्यक्ष शरद नायर ने किया।

बैठक में संगठन को मजबूत करने व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का यूनियन बना पंजीयन कर संगठित करके कार्य करने पर बल दिया। मिश्रा ने कहा कि जिला के पदाधिकारियों को अलग-अलग असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ट्रेड यूनियन में जोड़ने के लिए उन्हें जिम्मेदारी दिया जाना चाहिए। बीएमएस विश्व व पूरे देश की तरह जिला कोरबा में भी एक नंबर पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिकों के बीच प्रत्येक उद्योगों को साल भर में कम से कम एक सम्मेलन किया जाना चाहिए। बीएमएस की रीति नीति के तहत राष्ट्र हित, उद्योग हित एवं श्रमिक हित व उद्देश्य को समझाते हुए उन्होंने कहा कि बीएमएस ही एक ऐसा ट्रेड यूनियन है जो मजदूरों के आर्थिक स्थिति पर तो काम करने के साथ उनके सामाजिक पारिवारिक स्थिति पर भी चिंतन करती है इसलिए आज बीएमएस देश के साथ पूरे विश्व में एक नंबर का ट्रेड यूनियन बनी हुई है।

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