वैकल्पिक रोजगार के लिए भू-विस्थापितों ने दो घंटे काम कराया बंद

कोरबा 18 जनवरी। क्षेत्र के प्रभावितों को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने की मांग लेकर भू-विस्थापितों ने गेवरा खदान में दो घंटे काम बंद करा दिया। आंदोलन की खबर मिलते ही अधिकारी स्थल पर पहुंचे और चर्चा कर तत्काल आठ लोगों को रोजगार दिलाया। इसके साथ अन्य मांग शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया, तब खदान में पुनः काम आरंभ हो सका।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा खदान में सोमवार को एकाएक हुए आंदोलन से प्रबंधन में हड़कंप मच गया। समाज सेवी मनीराम भारती ने बताया कि एक वर्ष पूर्व गेवरा खदान में आंदोलन किया गया था, तब महाप्रबंधक खनन सत्यपाल भाटी और अन्य अधिकारियों के समक्ष सहमति बनी थी कि वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही जिन बेरोजगार भू-विस्थापितों की बीटीसी नहीं हुआ है, उनका बीटीसी प्रशिक्षण कराया जाएगा। इसके साथ ही अमगांव, जोकाहीडबरी के 111 आश्रित परिवारों की मकानों के नापी सर्वे का भुगतान एक माह के भीतर करने का आश्वासन दिया गया था, पर एसईसीएल प्रबंधन ने अभी तक भुगतान नहीं किया। इससे भू-विस्थापितों में नाराजगी बनी हुई थी। अपनी मांग को लेकर सोमवार को खदान में उतर खनन व मिट्टी के कार्य को बंद करा दिया। डंपर व सावेल के सामने जाकर भू-विस्थापित खड़े हो गए। काम बंद होने की जानकारी मिलते ही गेवरा के परियोजना अधिकारी सत्यपाल भाटी मौके पर पहुंचकर बेरोजगार भू-विस्थापितों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक रोजगार के लिए प्रथम प्राथमिकता बेरोजगार भू-विस्थापितों को दिया जाएगा और इसकी शुरुआत आठ बेरोजगार को बहाल करने के साथ की। साथ ही दो-दो दिन के अंतराल में चार-चार बेरोजगारों को काम पर लेने कहा गया। 111 भू-विस्थापितों की मुआवजा राशि को एसईसीएल भू-राजस्व नोडल अधिकारी से जानकारी लेकर भुगतान कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद भू-विस्थापित खदान से हटे और खनन कार्य को शुरू हो सका। आंदोलनकारियों ने कहा कि समस्या का निदान जल्द नहीं किया जाता है, तो पुनः आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।

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