ट्रांसपोर्टर कर रहे पहिये उठाकर मनमानी पूर्वक परिवहन, टूट रही हैं करोड़ों की सड़कें
कोरबा 29 अक्टूबर। यातायात नियमों के अनुपालन को लेकर मालवाहक ट्रेलर ट्रांसपोर्टरों की मनमानी खुलेआम चल रही है। इन ट्रांसपोर्टरों के द्वारा वाहनों के कुछ पहियों को उठाकर चलाया जा रहा है। वाहनों के पहियों को उठाकर चलाने से इसका दुष्परिणाम सड़कों पर पड़ रहा है जिससे सड़कें टूट रही है।
आपको बता दे वाहन के पहियों के अनुरूप लोडिंग क्षमता तय की जाती है और क्षमता के अनुरूप वाहनों में लोडिंग दिया जाता है। लेकिन ट्रांसपोर्टरों के द्वारा पहियों के हिसाब से लोडिंग भरपूर लिया जाता है और सड़क पर आते ही एक्सल को उठा दिया जाता है। ट्रांसपोर्टरों द्वारा एक्सल को उठाने से चार चक्के को घिसने से बचा लिया जाता है या यूं कहे हजारों कीमत की चक्के को बचाने के एवज में करोड़ों की सड़क को खुलेआम क्षति पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह ट्रकों में दो चक्कों को उठाकर चलाया जा रहा है।
आइए आपको इसका एक उदाहरण बताते हैं। इस तरह के मालवाहक वाहनों में लोडिंग पर लोड शेयरिंग, वाहन के परिवहन के दौरान नियंत्रण सहित सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए वाहन और सड़क दोनों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है। लोड शेयरिंग होने से मालवाहक का भार सीधे सड़क पर नहीं पड़ेगा या यूं कहें वाहन के क्षेत्रफल के अनुसार बट जाता है और सड़क पर नुकसान नहीं होता।
इसका दूसरा फायदा परिवहन के दौरान नियंत्रण पर होता है। यदि चालक वाहन का पहिया उठाकर नहीं चलता है तो चलते हुए वाहन के नियंत्रण में काफी मदद मिलती है।
लेकिन कोरबा में इस तरह के वाहनों का खुलेआम परिवहन हो रहा है। इस पर केवल औपचारिक कार्रवाई की जा रही है। कोरबा जिले के अधिकांश सड़कों पर इसी तरह के वाहनों से कोयले का परिवहन किया जा रहा है। लेकिन परिवहन विभाग और यातायात पुलिस एवं जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के हाथो के कलम की स्याही अक्सर इस तरह की गाड़ियों की कार्यवाही को लेकर सूख जाती है। शायद हम कुछ गलत कह गए और यदि ऐसी कोई बात नहीं है तो सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के इन पहियों को देखिए जो उपरोक्त तमाम आरोपों पर मुहर लगा रहे हैं।
इस संबंध पर परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर ने बताया किसी भी वाहन को क्षमता के अनुरूप लोड लेने के बाद परिवहन के दौरान पहिया को उठाकर परिवहन करना गलत है और यदि 18 चक्के वाली गाड़ियों में चार पहियों को उठाकर परिवहन किया जाता है तो इन गाड़ियों को 14 चक्के के क्षमता के अनुरूप परिवहन करने वाला वाहन मानते हुए अतिरिक्त भार को ओवरलोड मानते हुए कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
अब देखना होगा कि समाचार प्रकाशन के बाद इस मामले को लेकर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी इस पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं या पूर्व की भांति ट्रांस्पोटरों की मनमानी जारी रहेगी, सड़के टूटते रहेंगे और दुर्घटनाएं होती रहेंगी।