भारत ने किया इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण, आधी दुनिया रेंज में
भारत ने बुधवार को ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम आइसलैंड से परमाणु सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल उपयोगकर्ता परीक्षण करके इतिहास रच दिया। 5,000 किमी. रेंज की यह मिसाइल एक लॉन्च में कई लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता रखती है।
अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाला आठवां देश बना भारत
अग्नि-5 के बाद भारत की गिनती उन 8 देशों में हो गई है, जिनके पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम है। जी हां, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस, इजरायल और उत्तर कोरिया के बाद अब भारत भी अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल रखने वाला आठवां देश बन गया है। हालांकि मिसाइल अभी सेना और वायुसेना को नहीं मिली है।
भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है अग्नि-5 मिसाइल ?
अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कई वारहेड ले जाने में सक्षम मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। इस तकनीक से मिसाइल को प्रक्षेपण के बाद कई अलग-अलग लक्ष्यों तक परमाणु हथियारों को स्वतंत्र तरीके से भेजा जा सकता है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है। आज पहला उपयोगकर्ता परीक्षण होने के बाद परमाणु सक्षम अंतर-महाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के जल्द ही सशस्त्र बलों को मिलने का संकेत है। 5,000 किलोमीटर रेंज की मिसाइल का 2018 में हैट्रिक प्री-इंडक्शन ट्रायल किया गया था। इसके बाद 2020 में उपयोगकर्ता उड़ान परीक्षण किए जाने की योजना थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई है।
गेम चेंजर साबित हो सकती है ‘अग्नि-5’
अग्नि-5 मिसाइल सबसे शक्तिशाली और गेम चेंजर है। डीआरडीओ द्वारा विकसित 5,000 किमी. रेंज की अग्नि-5 मिसाइल एक लॉन्च में कई लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता रखती है, जिसके दायरे में चीन और पाकिस्तान आते हैं। इसके अलावा यह मिसाइल सभी एशियाई देशों और अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। लगभग 17 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी, तीन चरणों वाली ठोस ईंधन वाली मिसाइल 1.5 टन का पेलोड ले जा सकती है और इसका वजन लगभग 50 टन के करीब है।
‘अग्नि-5’ का इस्तेमाल बेहद आसान
अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसे रेल, सड़क या हवा कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं, जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं। अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक का सफर पूरा होने में 20 साल लगे हैं। 2002 में लॉन्च हुई मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे। फिर इसके बाद अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें आईं। ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें थीं, जिनकी मारक क्षमता 2,000 से 3,500 किलोमीटर है। अब भारत ने 5,000 किलोमीटर रेंज की अग्नि-5 का पहला परीक्षण कर अपनी ताकत का परिचय दे दिया है।
प्रमुख बातें:
• अग्नि-5 उच्च स्तरीय सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक लक्ष्य पर प्रहार करने में सक्षम
• मिसाइल एक थ्री स्टेज सॉलिड फ्यूल इंजन का उपयोग करती है
• ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध’ करने की भारत की नीति के अनुरूप सफल प्रक्षेपण जो ‘नो फर्स्ट यूज’ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
• ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लगभग 19:50 बजे सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल प्रक्षेपण 27 अक्टूबर, 2021 को किया गया। यह मिसाइल जो तीन चरणों वाले ठोस ईंधन वाले इंजन का उपयोग करती है, बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक लक्ष्य पर प्रहार करने में सक्षम है।