बेटियों को स्कूल जाने दो साल से नहीं मिली साइकिल

कोरबा 9 अक्टूबर। कोरोना काल के कारण बीते दो साल से 14 हजार बेटियों को सरस्वती साइकिल योजना की सरकारी साइकिल नहीं मिली हैं। वर्ष 2020-21 में स्कूलें बंद होने के कारण खरीदी नहीं की गई, जिससे वर्तमान दसवीं पढ़ रही 7123 बालिकाएं इससे वंचित रह गए। वर्ष 2021-22 में नवमी कक्षा दाखिल लेने वाली 7025 बालिकाओं के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव भेजा है। साइकिल नहीं मिलने से बेटियां पैदल स्कूल जा रहीं हैं।

दो साल से साइकिल वितरण नहीं हुआ है। योजना के तहत कक्षा नवमीं पढ़ने वाली अजा, अजजा और बीपीएल राशन कार्ड के दायरे में आने वाले परिवारों को साइकिल प्रदान करने का प्रावधान है। लंबी दूरी तय कर स्कूल पहुंचने की समस्या निजात दिलाने यह योजना चलाई जा रही है। स्कूल बंद रहने के कारण शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए मांग नहीं भेजी गई। स्कूल खुलने के बाद 2021-22 में नवमीं पढ़ने वाली 7025 बालिकाओं के लिए साइकिल आवंटन प्राप्त करने मांग पत्र भेजा गया है। कोरोनाकाल में नवमीं दाखिल होने के वाली बालिकाओं के लिए मांग पत्र नहीं भेजे जाने कारण साइकिल क्रय नहीं की गई। यदि आवंटन भी हुई तो दसवीं पढ़ रहीं बालिकाओं को बगैर साइकिल के अपनी पढ़ाई जारी रखनी होगी। वनांचल क्षेत्रों में अजगरबहार, सतरेंगा, मोरग, कुदमुरा हाई व हायर सेकेंडरी में दाखिल लेने वाले छात्र-छात्राएं आसपास दूर दराज गांव से पैदल चल कर आती हैं। उल्लेखनीय है कई ऐसे छात्राएं जो आवागमन के लिए सुविधा नहीं होने के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है।

इस योजना का उद्देश्य बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ उंची कक्षाओं में पढ़ाई को सुनिश्चत करना था। बहरहाल साइकिल वितरण के अभाव में छात्राओं को खासी समस्या का सामना करना पड़त रहा है। लंबी दूरी और आवागमन का साधन नहीं होने के कारण के कारण छात्राओं की कक्षा में नियमित उपस्थिति नहीं है। शिक्षा सत्र की शुरूवात वैसे भी कोरोना के कारण दो माह बाद शुरू हुई है। ऐसे में छात्र-छात्राओं का कोर्स सत्र के अनुसार पिछड़ा है। बालिकाओं को पहले शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ दे दी जाती थी, लेकिन विगत तीन चार साल से नियमित वितरण नहीं हो रहा।

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