जल, जंगल, जमीन बचाने हसदेव बचाओ पदयात्रा शुरू हुई
कोरबा 5 अक्टूबर। जल, जंगल, जमीन बचाने हसदेव बचाओ पदयात्रा सोमवार को मदनपुर से शुरू हुई। पदयात्रा उसी जगह से शुरू की गई, जहां वर्ष 2015 में राहुल गांधी पहुंचे थे। यहां और ग्रामीणों की सभा में जल, जंगल, जमीन को बचाने संकल्प लिया था। यह पदयात्रा 10 दिन में पूरी होगी।
इसमें शामिल लोग 300 किमी तक पैदल चलते हुए राजधानी रायपुर पहुंचेगे। पहले ग्रामीणों ने यूपी के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर किसानों को श्रद्धांजलि दी और केंद्र की नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला। वहीं हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष उमेश्वर सिंह आर्मो ने कहा कि ये दुख की बात है कि आदिवासी हितों का खुद को रक्षक बताने वाली पार्टी, राजनीतिक दल के सत्ता में होने के बावजूद भी उनको अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यह पदयात्रा करनी पड़ रही है।
संघर्ष समिति ने तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने की मांग रखी। इसके साथ ही हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोयला खनन परियोजना निरस्त करने, बिना ग्रामसभा की सहमति के हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत किए गए सभी भूमि अधिग्रहण को निरस्त करने, पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी कानून से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के पूर्व ग्रामसभा से अनिवार्य सहमति के प्रावधान को लागू करने, फर्जी प्रस्ताव बनाकर हासिल की गई वन स्वीकृति को निरस्त करने व ग्रामसभा का फर्जी प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी व कंपनी पर एफआईआर करने, पेसा एक्ट का पालन सहित अन्य मांगे रखी। इस दौरान किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दीपक साहू, जय कौशिक सहित हसदेव अरण्य क्षेत्र के सभी सरपंच व जनपद सदस्य उपस्थित रहे।