किसान कल्याण समिति ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया
खदान के सीमाओं पर लाल झंडा लगाकर खींचा लक्ष्मण रेखा
कोरबा 4 अक्टूबर। ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने पूर्व घोषित चेतावनी केअनुसार 3 अक्टूबर से एस ई सी एल दीपका अंतर्गत मलगांव ओबी फेस में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जिसके बाद हर सप्ताह अलग अलग चरणों पर आंदोलन विस्तार किया जाएगा।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के दीपका इकाई उपाध्यक्ष रविंद्र जगत ने बताया है कि जून महीने से लगातार एसईसीएल प्रबंधन के क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर से भूविस्थापितो की मांगों पर बातचीत और अधिकारियों द्वारा आश्वासन का दौर चल रहा है 8 घण्टे के बन्द के बावजूद प्रबंधन अपनी हठधर्मिता को छोड़ नही पायी है इसलिये सन्गठन की बैठक में कई चरणों मे आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया है। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में डायरेक्टर्स के साथ आयोजित बैठक में लिए गए फैसले को भुला दिए जाने से आक्रोशित भुविस्थापित नेताओ ने अब आर पार की लड़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। अगस्त महीने मे लिए गए निर्णयों के अनुसार प्रगति कार्यो की समीक्षा के लिए सितम्बर माह के आखिरी सप्ताह में बैठक प्रस्तावित था न तो कार्यवाही आगे बढ़ी और न समीक्षा बैठक हुई। इसलिए मांगो पर समाधान नही होने तक यह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा है कि इसके बाद एक एक करके सुआभोडी, आमगांव, पोड़ी, भथोरा, नराइबोध ओबी फेस के सामने पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन की कड़ी को बढ़ाया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने गेवरा दीपका खदान के पूरे बाहरी सीमा पर लाल झंडे गाड़ कर संकेत दिया है कि इस सीमा से खदान को एक इंच भी आगे बढ़ने नही दिया जाएगा। उन्होंने इसे लक्ष्मण रेखा बताते हुए कहा है कि लाल झंडे से आगे बढ़ने की कोशिश करने पर एसईसीएल को गंभीर परिणाम भुगतना होगा। सीधे खदान में उतरकर उत्पादन को ठप्प कर दिया जाएगा । जिला प्रशासन से मांग की गई है कि उनकी फ रियाद को सुने और समस्याओ का करवाने में सहयोग करे।
मांगे-01-परियोजना, एरिया स्तर पर पुनर्वास समिति एवं ग्राम समितियों का गठन किया जाये, जिसके माध्यम से परिसम्पतियों का मुआवजा, रोजगार, बसाहटआदि का निर्धारण किया जाए। 02-छोटे.बड़े सभी खातेदारो को रोजगार की व्यवस्था किया जाए। 03-सर्व सुविधायुक्त बसाहट, माडल ग्राम की व्यवस्था किया जाए। वर्तमान में बालिग को अलग परिवार की श्रेणी मानते हुए 10 डिसमिल भूमि दिया जाए अथवा जमीन के बदले 10 लाख रुपये लागू किया जाए। 04-वैकल्पिक रोजगार- प्रभावित परिवार के बेरोजगारों द्वारा बनाई गई सहकारी समितियों फर्म, कंपनी अथवा व्यक्तिगत को ठेका कार्य में 20 फ ीसदी आरक्षण, स्थानीय बेरोजगारों और स्व सहायता समूह के लिए प्राथमिकता के साथ वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था किया जाए। 05-लंबित रोजगार, मुआवजा, बसाहट के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाये। अर्जन के बाद महिला खातेदारों, रैखिक सबन्ध आदि के कारण रोके गए रोजगार के मामले पर पुनः विचार कर रोजगार प्रदान किया जाए। नये अधिग्रहण के मामले में रोजगार, मुआवजा, बसाहट आदि सुविधाओ के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाए। 06-गांव की आशिंक जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाई जाए। 07-सबंधित संस्थान द्वारा भूविस्थापित. किसान परिवार के बच्चों को प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा तक निशुल्क पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था किया जाए एवं विभागीय अस्पताल में निशुल्क इलाज का प्रबंध किया जाए। 08-जिला खनिज न्यास निधि का नियम के अनुरूप प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामों में शिक्षाए स्वास्थ्य और रोजगार पर खर्च किया जाए। 09-वर्षो पूर्व में अधिग्रहित जमीन खदान बन्द होने अथवा लीज अवधि समाप्त हो जाने अथवा संस्थान द्वारा उपयोग नही करने के कारण उक्त जमीन वास्तविक खातेदारों को वापस किया जाए। 10-महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार सृजन एकौशल उन्नयन की व्यवस्था करो और स्थानीय उद्योगों में नियोजित किया जाए।11-अर्जित ग्रामों के निजी एशासकीय अथवा किसी अन्य के जमीन पर स्थित परिसंपत्तियों का 100ः सोलिसियम के साथ मुआवजा प्रदान किया जाए द्य जिन ग्रामो में परिसम्पतियों का नाप जोख ;मूल्यांकन द्ध किया जा चुका है उनको तत्काल भुगतान किया जाए। 12-भूमि अर्जन के समय लागू नीतियों के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाए कोल इंडिया पालिसी के नाम पर रोजगार के अधिकार का हनन बन्द किया जाए।13-कोरबा जिले में पर्यावरणीय असंतुलन एवं प्रदूषण की समस्याए उद्योग संस्थानों द्वारा अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व का अवहेलना और पुनर्वास नीति का दुरुपयोग करने से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए नई उद्योगए खदान एवं उसके विस्तार पर रोक लगायी जाए।14-खदान के कारण विभिन्न कारणों से नुकसान हुये फसल का सम्पूर्ण क्षति पूर्ति प्रदान किया जाय 15-खदान के आसपास के गांवों में पेयजल एवम निस्तार की समस्या गर्मी के दिनों में गंभीर हो जाती है अतः खदान के आसपास के गांवों में गर्मी आने से पहले पेयजल एवम निस्तार की ब्यवस्था की जाय। 16-राजस्व सबंधी समस्याओ का गांव में शिविर लगाकर समाधान किया जाए।