बीमार मादा हाथी की जान बचाने डॉक्टरों की टीम ने जंगल में डाला डेरा

कोरबा 26 जुलाई। जिले के वनमंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज अंतर्गत पोरिया-अमलडीहा में बीमार व कमजोर हो चले उम्रदराज मादा हाथी की प्राण रक्षा के लिए वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों तथा डॉक्टरों की टीम ने जंगल में डेरा डाल दिया है। बीमार हाथी का लगातार उपचार कराया जा रहा है। कल दिन भर डॉक्टरों द्वारा हाथी को ड्रिप चढ़ाकर ग्लूकोज सहित अन्य प्रकार की दवाएं दी गई लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई अपेक्षित सुधार नहीं हो सका। इस दौरान हाथी को खड़ा करने के लिए कई बार प्रयास भी किया गया लेकिन व पैरों पर खड़ी नहीं हो सकी।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हथिनी खड़ा होने की कोशिश करती है लेकिन व फिर जमीन पर लुढ़क जाती है। जब तक हथनी पैरों पर खड़ा होकर नहीं चलने लगेगी, इसके संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता। हाथी के उपचार के लिए डॉक्टरों की टीम तथा वन विभाग का अमला काफी मेहनत कर रहा है लेकिन उसकी स्थिति में विशेष सुधार नहीं हो पा रहा है जिससे डॉक्टरों की टीम व वन विभाग के अधिकारियों में निराशा घर कर रही है। हालांकि अधिकारी व डॉक्टर अभी भी बीमारी हाथी के ठीक होने की उम्मीदों को लेकर प्रयास कर रहे हैं। आज सुबह डॉक्टरों की टीम ने जंगल सफारी रायपुर से आए डॉक्टर राकेश वर्मा एवं रायगढ़ के जयेंंद्र खुंटे के नेतृत्व में हाथी का परीक्षण किया और उसे खड़ा करने का प्रयास किया लेकिन वह खड़ा नहीं हो पाई। खड़ा होने के साथ ही जमीन पर गिर पड़ी। जिस पर डॉक्टरों ने दोबारा उसे ड्रिप चढ़ाने का फैसला लिया और 5 बजे से ड्रिप देनी शुरू कर दी है जो इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक हाथी में बुढ़ापा के पूरे लक्षण आ गए हैं। उसके दांत बुरी तरह घिस चुके हैं तथा पैरों के नीचे के मांसपेशियों में ताकत खत्म हो गया है जिसकी वजह से वह खड़ा नहीं हो पा रही है। आज सुबह हथनी का परीक्षण करने के बाद जंगल सफारी के डॉक्टर राकेश वर्मा वापस रायपुर लौट गए जबकि रायगढ़ के डॉक्टर जयेंद्र खुंटे व कोरबा के पशु चिकित्सक डॉ.गुर्जर व सोनी मौके पर मौजूद रहकर उपचार कर रहे हैं। उनकी मदद के लिए एसडीओ आशीष खेलवार, रेंजर कुदमुरा संजय लकड़ा व उनके स्टाफ अमलडीहा में हैं।

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