प्रथम सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

कोरबा 26 जुलाई। सावन की शुरुआत के साथ वातावरण में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। प्रथम सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीज विविध अनुष्ठान संपन्न हुए। मंदिरों के साथ-साथ घरों में भी ऐसे कार्यक्रम किये गए। श्रावण पूर्णिमा तक यह सिलसिला जारी रहेगा।

कोविड प्रोटोकॉल के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के आदेश प्रशासन के द्वारा प्रसारित किये गए हैं। इसके अंतर्गत अलग-अलग कार्यों को किया जाना है। धार्मिक स्थानों में नियमों के साथ प्रवेश और आयोजन की अनुमति जारी की गई है। सावन के दौरान होने वाली गतिविधियों में लोगों के द्वारा प्रोटोकॉल का परिपालन करना तय किया गया है। आज सावन के प्रथम सोमवार पर श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया लेकिन उनकी उपस्थिति बीते वर्षों के मुकाबले कम रही। कांवर यात्रा के नजारे सामूहिक रूप से देखने को नहीं मिले। लोगों ने औपचारिक तौर पर इस परंपरा को पूरा करने का प्रयास किया। शिवालयों में आज ब्रह्म मुहूर्त से जलाभिषेक करने के लिए लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित हुई। मंदिरों में ज्यादा भीड़ ना जुटे इसके लिए पहले से ही निर्देश दे दिए गए थे, हिंदू धर्मावलंबियों ने दूसरों की सुरक्षा और प्रशासन की सहूलियत को देखते हुए ईमानदारी से नियम पालन करने की मानसिकता बनाई और कुल मिलाकर प्रशासनिक तंत्र का सहयोग किया। कोरबा के त्रिलोकीनाथ, कटघोरा के चकचकवा पहाड़ी, कोरकोमा के शंकरखोला गुफा, नरसिंह गंगा चैतमा, कनकेश्वरधाम कनकी समेत नगर निगम कालोनी में स्थित मृत्युंजय मंदिर, कपिलेश्वरनाथ, एसईसीएल सुभाष ब्लॉक के कई दशक पुराने मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। कुछ स्थानों पर पूजन सामाग्री उपलब्ध कराने के लिए संगठन के लोग जुटे रहे वहीं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने इस अवसर का लाभ लिया।

अनेक वर्षों से सावन मास और खासतौर पर महाशिवरात्रि के पर्व पर जिले के कनकेश्वरधाम कनकी में विशेष आयोजन होते रहे हैं। यहां के साथ कई तरह की परंपराएं जुड़ी हुई हैं। वैश्विक महामारी के दुष्प्रभाव और खतरों के कारण लगातार दूसरे वर्ष यहां कोई आयोजन नहीं किये गए। इसके अलावा गर्भगृह में किसी के भी प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया। बाहरी परिसर में मौजूद शिव प्रतिमाओं के दर्शन पूजन की अनुमति जरूर दी गई है। सावन में अनुष्ठान करने का विधान है। इसकी पूर्ति को लेकर लोगों में उत्साह दिखा। कोरबा नगर के साथ.साथ उप नगरीय क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण अंचल में श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया। ना केवल सोमवार बल्कि इस मास के हर दिन इस तरह की गतिविधियां किये जाने के पीछे धर्मसम्मत मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ज्योतिष सलाहकार शिवशंकर दास ने बताया कि आदिदेव की उपासना काफी सरल है और इसके प्रत्यक्ष लाभ जातक को होते हैं।

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