एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों ने पर्यावरण दिवस पर किया पौधरोपण

कोरबा 29 मई। हरे-भरे पेड़-पौधों के साथ प्रकृति अस्तित्व जुड़ा है और प्रकृति से ही मानव, जीव-जंतुओं समेत समस्त जीव जगत का जीवन निर्भर है। यही संदेश देते हुए केएन कालेज के एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों ने गोदग्राम पाली में दिवा शिविर आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने गांव में विभिन्ना स्थानों पर लगे वट.पीपल के पौधों के चारों बेशरम व नेंगुर की टहनियोंए कपड़े का घेरा बनाकर सुरक्षित किया। इसके साथ गांव की प्राथमिक शाला के बच्चों को प्रेरक कहानियां सुनाकर जल एवं पर्यावरण संरक्षण की सीख देने का प्रयास भी किया।

के एन कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों ने कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत पाली के कोसमाही तालाब में गत वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण किया था। इनमें बरगदए पीपल व अन्य वृक्षों को मवेशियों से बचाने सुरक्षा घेरा बनाने के लिए शुक्रवार को दिवा शिविर का आयोजन किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक वाय के तिवारी के नेतृत्व में वरिष्ठ स्वयंसेवक जयप्रकाश पटेलए पुष्पा साहूए पूजा गुप्ताए वर्षा जोगी व पायल यादव समेत अन्य स्वयंसेवकों ने ग्राम के किसानों द्वारा अपनी बाड़ी की सुरक्षा बनाने के लिए उपयोग में आने वाली नेंगुर व बेशरम की मोटी टहनियों को काटकर पीपल व बरगद के 12 पौधों के लिए खूंटा गाड़ कर कटींली झाड़ियों व कपड़े से सुरक्षा घेरा का निर्माण किया। इन पौधों को गजरंजन दास के कुएं से जल लाकर सिंचाई भी की गई। तालाब के किनारे निवास करने वाले गजरंजन दास महंत का परिवार भी स्वयंसेवकों के साथ पौधों को जीवन दान देने के कार्य में बाह्य सहयोग प्रदान किया। जल संरक्षण व कोरोना टीकाकरण के लिए गांव में विभिन्ना स्थानों पर नारा लेखन भी किया गया। स्वयंसेवकों के दल ने ग्राम के दीवारों पर जल संरक्षण व कोरोना टीकाकरण से संबंधित जागरूकता वाक्यों से युवाओं को आगे बढ़कर टीका लगवाकर स्वयं व ग्रामवासियों को बचाने जागरूक किया।

कोरोना के गंभीर मरीजों को आक्सीजन की अत्यंत आवश्यकता होती है। विषैली गैसों को आत्मसात कर बरगदए पीपलए नीम जैसे वृक्ष सर्वाधिक आक्सीजन उत्सर्जन करते हैं। उनमें पर्यावरण में शीतलता बनाए रखने का विशेष गुण होता है। इसे ध्यान में रख केएन कालेज प्राचार्य एसके शर्मा के मार्गदर्शन में इस वर्ष स्वयंसेवक बरगदए पीपलए नीम व पोषण प्रदान करने वाले मुनगा पौधों का सर्वाधिक मात्रा में रोपण करेंगे।

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