संयुक्त शिक्षक संघ ने राजस्व मंत्री को लिखा पत्र.. DEO के फरमान व कोविड ड्यूटी में आ रही समस्याओं से कराया अवगत

कोरबा 07 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पत्र लिख शिक्षकों को कोविड ड्यूटी में आ रही विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया है। साथ ही शिक्षक संघ ने पत्र में कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी के अनैतिक फरमान की भी प्रमुखता से चर्चा की है।

उक्त पत्र में शिक्षक संघ ने बताया कि सुरक्षा संसाधनों की कमी के कारण प्रदेश में अब तक 450 व जिले में 20 शिक्षकों की अकाल मृत्यु हो चुकी है। इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए संघ ने मांग की है गंभीर बीमारी से ग्रसित, गर्भवती व शिशुवती महिलाओं व दिव्यांग शिक्षकों की कोविड ड्यूटी नहीं लगाई जाए। साथ ही शिक्षकों की कोविड ड्यूटी रोटेशन प्रणाली के आधार पर लगाई जाए। संघ ने कोविड ड्यूटी कर रहे शिक्षकों हेतु मास्क, सैनिटाइजर व ग्लव्स की व्यवस्था शासन के द्वारा कराए जाने का आग्रह भी किया है।

संघ ने अपने पत्र में यह भी बताया की कोरोना संक्रमण के मुश्किल समय में भी विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रशासनिक निर्देशों पर संलग्न कर्मचारियों का 2 माह का वेतन रोका गया है, जिसके कारण उनके सामने गंभीर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं व राशन और दवाइयों के लिए भी कर्मचारियों को इधर-उधर हाथ फैलाना पड़ रहा है। संघ ने मांग की है कि संलग्न कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल माह का वेतन शीघ्र अति शीघ्र भुगतान किया जाए।

अपने पत्र में शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी के उस आदेश का प्रमुखता से उल्लेख किया है जिसमे शिक्षकों को अपने परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने के पश्चात भी ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया गया है, वरना उनका वेतन रोक दिया जावेगा। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश को अनैतिक बताया है। उन्होंने कोविड-19 गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा की परिवार के किसी सदस्य के संक्रमित होने पर संपूर्ण परिवार को होम आइसोलेशन में रहना होता है। कोरबा प्रशासन द्वारा भी उपरोक्त गाइडलाइन के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज कर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। ऐसे में शिक्षकों के लिए प्रशासन द्वारा अलग मापदंड अपनाना कोविड-19 गाइडलाइंस का उल्लंघन तो है ही, यह न्याय संगत भी नहीं है।

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