डीएमएफ में आदिवासी नेताओं को तवज्जो नहीं , गरमा सकती है सियासत

(News action editor)
न्यूज एक्शन।जिला खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद में आखिरकार सांसद को जगह मिल ही गई। पहले जो सूची जारी की गई थी उसे निरस्त कर दूसरी सूची जारी की गई है। पहले की सूची में मेयर रेणु अग्रवाल, सभापति धूरपाल सिंह कंवर व करतला जनपद अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर को सदस्य बनाया गया था। दूसरी सूची में सांसद के साथ सांसद प्रतिनिधि व मेयर को शामिल किया गया है। आदिवासी बाहुल्य जिला कोरबा में डीएमएफ में आदिवासी नेताओं को तवज्जो नहीं दिए जाने से सियासत गरमाने के आसार हैं।खनिज न्यास संस्थान (डीएमएफ) में हर साल विकास कार्यों के लिए 200 करोड़ से अधिक की राशि मिलती है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही डीएमएफ की समिति में फेरबदल किया गया है। पहले कलेक्टर अध्यक्ष हुआ करते थे। अब प्रभारी मंत्री इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके सदस्य विधायक के साथ प्रभावित क्षेत्र के 10 प्रतिनिधियों को भी शामिल करने का प्रावधान बनाया गया है। शासी परिषद में जनप्रतिनिधियों को नामांकित किया जाता है। डीएमएफ के विशेष सचिव अन्बलगन पी ने शुक्रवार को सूची जारी की । उसमें कोरबा के लिए तीन सदस्यों की नियुक्ति की है। जिसमें जनपद अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर व सभापति धूरपाल सिंह कंवर का नाम नहीं है। सांसद ज्योत्सना महंत को कोरिया जिले का भी सदस्य नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। आदेश में 2 अगस्त को जारी सूची को संशोधित करना बताया गया है। संशोधित सूची जारी होने के आदिवासी नेताओं को हटा दिए जाने के बाद सियासत गरमाने के आसार हैं ।

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