प्रोफेशनली नहीं, इमोशनली जुड़कर काम करने से ही सार्थक होगा आत्मानंद स्कूलों का उद्देश्य: डाॅ. अलंग

संभागायुक्त ने किया स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का निरीक्षण, विद्यार्थियों- शिक्षकों से भी की चर्चा, पढ़ाई के साथ व्यक्तित्व विकास पर भी फोकस करने दिये निर्देश

कोरबा 22 फरवरी 2021. संभागायुक्त डाॅ. संजय अलंग ने आज अपने कोरबा प्रवास के दौरान पंप हाउस पारा में शुरू हुए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और पढ़ाने वाले शिक्षकों से भी अलग-अलग मुलाकात की। डाॅ. अलंग ने स्कूल में स्थापित लाइब्रेरी से लेकर कम्प्युटर लैब, भौतिक-रसायन-जीवविज्ञान की प्रयोग शालाओं को भी देखा। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से चर्चा के दौरान कहा कि राज्य शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों को शुरू करने का उद्देश्य गरीब-पिछड़े तबके के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर भी गंभीरता से प्रयास करना है।

डाॅ. अलंग ने कहा कि शिक्षकों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रोफेशनली नहीं बल्कि इमोशनली जुड़कर काम करना होगा। स्कूल को अपना समझते हुए बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ संस्कारी और अच्छे व्यक्तित्व वाला इंसान बनाने के लिए मेहनत करनी होगी। डाॅ. अलंग ने कहा कि इमोशनली जुड़ने से ही आत्मानंद स्कूलों को शुरू करने का सरकार का उद्देश्य पूरा हो सकेगा। संभागायुक्त ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता भी स्कूल को उपलब्ध कराने का आश्वासन शिक्षकों को दिया। संभागायुक्त ने निरीक्षण के दौरान स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत गाकर डाॅ. अलंग का स्कूल परिसर में स्वागत किया। इसके साथ ही संभागायुक्त ने बच्चों के बीच बैठकर इलेक्ट्राॅनिक बोर्ड पर आॅनलाइन कक्षा के माध्यम से पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई का भी जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अर्चना मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पाण्डेय सहित स्कूल के प्राचार्य और सभी शिक्षक भी मौजूद रहे।

संभागायुक्त ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के निरीक्षण के दौरान स्कूल में कितने बच्चे हैं, कितने शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाती है, कितने टीचर है, कितने टीचरों की संविदा नियुक्ति हुई है इत्यादि की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों की खेल गतिविधियों के लिए उपलब्ध संसाधनांे, खेल सामग्रियों की जानकारी पीटीआई से ली। डाॅ. अलंग ने स्कूल में अच्छी और ज्ञान वर्धक किताबों के अलावा रोचक विषयों की किताबों से भरपूर लाइब्रेरी विकसित करने को भी कहा ताकि विद्यार्थी अपनी कक्षाओं के पाठ्यक्रमों की किताबों के अलावा अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए भी अन्य किताबें पढ़ सकें। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल में बच्चों की पढ़ाई और उनका व्यक्तित्व  विकास इस तरह से हो कि वे राष्ट्रीय-राज्य स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं, विभिन्न ओलंपियाड्स  के साथ-साथ खेल-कूद की प्रतियोगिताओं में भी सफल हो सके। उन्होंने बच्चों के लिए उनकी रूचि के अनुसार साहित्य, पर्यावरण, गणित, इतिहास, गार्डनिंग इत्यादि के छोटे-छोटे समूह बनाने निर्देश दिए ताकि बच्चों का मानसिक विकास हो सके।

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