कांग्रेस शासन में अभी तक हुए गंभीर अपराधों पर श्वेतपत्र जारी हो
कोरबा 21 फरवरी। प्रदेश सरकार पर महिलाओं व लड़कियों पर लगातार हो रहे अत्याचार का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने धरना दिया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध रोकने में पूरी तरह असफल हो गई है। कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल होते जा रही है। धरना उपरांत राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कांग्रेस शासन में हुए संज्ञेय अपराधों पर श्वेत पत्र जारी करने कराया जाए। साथ ही जघन्य घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करने आदेश दिया जाए।
ट्रांसपोर्ट नगर चौक में दोपहर दो बजे से शुरू हुए धरना प्रदर्शन चार बजे तक चला। इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गया है। शांति का टापू कहलाने वाला छत्तीसगढ़ अशांत व असुरक्षित हो गया है। यहां महिलाएं, युवतियां व नाबालिग बच्चियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। समाज के कमजोर तबके पर अत्याचार चरम पर है। वक्ताओं ने प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कई घटनाओं की रिपोर्ट लिखी तक नहीं जाती है। ऐसा लगता है कि सरकार ने अलिखित तौर पर आदेश दिया हो। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े में प्रदेश में अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि की जानकारी सामने आ रही है। अपराध कम करने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने से अधिक प्रशासन की प्राथमिकता मामले को छिपाने पर होती है। उन्होने कहा कि सदन ने स्वीकार किया है कि राज्य में एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक हत्या, डकैती, लूट, दुष्कर्म व अन्य अपराध मिलाकर 17009 मामले सामने आए हैं। दुष्कर्म के 2575 मामले प्रकाश में आए हैंए यानी लगभग सात घटनाएं रोजाना सामने आ रही है। धरना उपरांत स्थल पर पहुंचे तहसीलदार सुरेश साहू को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पूर्व महापौर श्याम कंवर, संजूदेवी राजपूत, मंजू सिंह, उमा भारती सराफ, ज्योति पांडेय, मनोरमा शर्मा, ज्योति वर्मा, किरण मरकाम, सुनीता पाटले, वैशाली रत्न पारखी, रितु चौरसिया, बाबी गभेल, रुकमणी नायर, बुधवारा देवांगन, अंजू सिंह, हारबाई यादव,अर्चना रूनी झा, राखी तारक समेत काफी संख्या में जिला महिला मोर्चा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, मंडल, मोर्चा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि व भाजपा जिला पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रही।
भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने राज्यपाल को मातृ शक्ति स्वाभिमान मार्च के नाम से ज्ञापन सौंपते मांग की कि ऐसी सभी जद्यन्य घटनाओं की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करने आदेशित किया जाए। इसके साथ ही ऐसे मामले में सभी दोषियों पर फास्ट ट्रैक अदालत में चलाया जाए। पीड़ित परिवारों को समुचित मुआवजा और उनके परिवार को नौकरी. संरक्षण दिया जाना चाहिए। इसी तरह कांग्रेस शासन में अभी तक हुए तमाम गंभीर अपराधों पर श्वेतपत्र जारी करने का निर्देश शासन को दिया जाए। श्वेतपत्र में सरकार खास कर यह बताए कि तमाम घटनाओं पर उसने कितने दिनों में क्या. क्या कार्रवाई की।