सुरक्षा सप्ताह में हादसों पर नहीं लगा अंकुश, सात दिन में 6 मौतें

न्यूज एक्शन । सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान लगातार सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई। सुरक्षा सप्ताह के दौरान जहां यातायात पुलिस वाहन चालकों को नियमों का पाठ पढ़ाती रही। वहीं सड़कों पर राफ्तार का कहर टूटता रहा। सुरक्षा सप्ताह सड़क हादसों के नाम रहा। सुरक्षा सप्ताह के सात दिनों में सड़क हादसों में छ: लोगों की मौत हो गई। सुरक्षा सप्ताह के दौरान ही सड़क दुर्घटनाओं ने पुलिस प्रशासन के व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान छह लोगों की सड़क दुर्घटना मौत हो गई। इधर सात दिन तक यातायात पुलिस लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग की सबक सिखाती रही और उधर सड़क पर दुर्घटनाओं का सिलसिला चलता रहा। सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले ही दिन एक जान चली गई, तो समापन के एक दिन पहले दो लोगों ने दम तोड़ दिया और अपने पीछे कई सवाल छोड़ गए। सबसे बडा सवाल यह है कि केवल पुलिस की सख्ती व जागरूकता के इस थोड़े प्रयास से ही सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा। हकीकत यह है कि इसके लिए सड़क पार्किंग जैसे मूलभूत बिंदुओं पर प्रशासनिक स्तर पर जब तक पहल नहीं की जाएगी, सभी प्रयास नगण्य साबित होंगे। पुलिस को यह सोचना होगा कि वाकई में सड़क हादसों पर आखिर कैसे विराम लगेगा । जब तक भारी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश नहीं लगेगा। जर्जर सड़कों का कायाकल्प नहीं होगा, जब तक सभी चालक नियमों का पालन नहीं करेंगे। तब तक हादसों को रोक पाना कतई भी आसान नहीं होगा। यातायात पुलिस ने सुरक्षा सप्ताह मनाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। सात दिनों तक यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया गया अब साल के 358 दिन वाहन चालकों से जुर्माना वसूल कर हादसों पर अंकुश लगाने की कवायद की जाएगी।


सुरक्षा सप्ताह के दौरान घटित हादसों पर एक नजर
0 5 फरवरी को कुसमुंडा के खम्हरिया के पास ट्रक चालक ने बाइक सवार दो युवक को कुचल दिया, जिसमें से एक उत्तम कुजूर की मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरा युवक घायल हो गया।
0 7 फरवरी को पाली के साप्ताहिक बाजार के पास ट्रेलर की ठोकर से कंतराम श्रीवास नामक एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। कंतराम लिफ्ट लेकर अपने घर के लिए निकला था।
0 7 फरवरी को कसनिया मोड़ के पास तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में बाइक सवार दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान एक की मौत हो गई।
0 8 फरवरी को उरगा में ट्रेलर की चपेट में आकर भिलाईखुर्द निवासी समीर पटेल की मौत हो गई।
0 9 फरवरी को मोरगा चौकी के पास ट्रेलर ने बाइक सवार को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
0 9फरवरी को दीपका के चाकाबुड़ा मार्ग में ट्रेक्टर से गिरकर जितेंद्र सिंह की मौत हो गई। वह ट्रैक्टर के ट्रॉली में बैठा था। जैसे ही नीचे गिरा ट्रैक्टर के पहिए के नीचे दब गया।

आगे पाट पीछे सपाट
यातायात सड़क सुरक्षा के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर चालकों को जागरूक करने का प्रयास किया गया, लेकिन यातायात पुलिस के जागरूकता पाठ का कोई खास असर नजर नहीं आया। आगे पाट पीछे सपाट की तर्ज पर काम हुआ है। कोरबा जिला में हादसों पर अंकुश लगाना काफी कठिन चुनौती है। हालांकि पुलिस हादसों पर अंकुश लगाने के साथ मौत के आंकड़ों में कमी का दावा जरूर करे, परंतु यह तो साफ है कि जिले की सड़कों पर चलना खतरे से खाली नहीं है। भारी वाहनों के रफ्तार में तनिक भी अंकुश नहीं है। दैत्याकार वाहन जब चाहे तब सांसें छीन ले। कोल परिवहन में लगे ऐसे ट्रक चालकों की रफ्तार कई लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है। ऐसे चालकों पर कड़ाई से कार्रवाई के बगैर हादसों को रोक पाना मुश्किल है। जब तक वाहन चालकों के साथ वाहन मालिकों पर कार्रवाई की गाज नहीं गिरेगी हालात सुधरने के बारे में सोचना भी बेमानी होगा।

सड़क किनारे रहता है वाहनों का कब्जा
भारी वाहनों को सड़क किनारे खड़े करने की प्रवृत्ति से कई लोगों की जान जा चुकी है। अंधेरे में अधिकांश चालकों को खड़ी ट्रक नजर नहीं आती। तेज रफ्तार वाहन खड़ी ट्रकों से भिड़ जाती है। वहीं अधिकांश भारी वाहनों में रेडियम पट्टी नहीं लगी हुई है। खड़ी ट्रकों का इंडीकेटर भी बंद रहता है। ऐसे भारी वाहन चालकों पर आंशिक कार्रवाई नजर आती है। परंतु ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को नहीं मिलती। जब तक इन चालकों को सुधारा नहीं जाएगा तब तक सड़क हादसों पर रोक लगाना मुश्किल है।

शराबी चालकों पर कड़ी कार्रवाई
अधिकांश सड़क हादसों का कारण शराबी वाहन चालकों की तेज रफ्तार होती है। नशे मेंं हादसे होने की संभावना अधिक होती है। लिहाजा यातायात पुलिस द्वारा एल्कोहोमीटर वाहन चालकों की जांच की जाती है। समय-समय पर की जाने वाली कार्रवाई के बाद जुर्माना वसूला जाता है। परंतु यह कार्रवाई पूरे जिले में लगातार होनी चाहिए। लगातार जांच होगी तो वाहन चालक शराब पीकर वाहन चलाने से कतराएंगे। वहीं जुर्माना व जप्ती के प्रावधान में भी कड़ाई दिखाई जाए तो वाहन चालकों को कार्रवाई का भय रहेगा।

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