गरीबों के खाद्यान्न को चोरों ने किया पार
न्यूज एक्शन। जिले में चोरी की वारदातों में इजाफा देखने को मिल रहा है। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में चोरों की सक्रियता बढ़ गई है। इसी कड़ी में चोरों ने वनंाचल ग्राम जिल्गा के शासकीय उचित मूल्य की दुकान में धावा बोलकर 63 बोरी चांवल , 11 बोरी शक्कर , दो बोरी चना व अन्य खाद्यान्न की चोरी कर ली है। मामले की सूचना पर श्यांग थाना पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवेचना प्रारंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार श्यांग थाना अंतर्गत ग्राम जिलगा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित है। जिसका ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने हजारों की कीमती खाद्यान्न की चोरी कर ली है। सोसायटी संचालक द्वारा चोरी की सूचना श्यांग थाना पुलिस को दी गई। बताया जा रहा है कि चोरी की वारदात विगत 7 फरवरी की है। मामले में पुलिस ने जिल्गा निवासी मनवती कंवर पति रामभजन कंवर की रिपोर्ट पर अज्ञात चोरों के खिलाफ धारा 457, 380 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
चोरी पर गहरा संदेह
चोरों ने जिल्गा में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान से 63 बोरियों में भरा 31.50 क्विंटल चावल, 11 बोरियों में भरा 5.5 क्विंटल शक्कर एवं 2 बोरियों मेंं भरा एक क्विंटल चना पार कर दिया है। चोरी के इस मामले में कई संदेह भी जाहिर किए जा रहे हैं। जिस तरह से चोरों ने दुकान से भारी मात्रा में खाद्यान्न चोरी किया है उसे ले जाने के लिए चोर जरूर किसी चार पहिया वाहन में पहुुंचे होंगे। चोरी से पहले उन्होंने सोसायटी का ताला तोड़ा है। चोर चार पहिया वाहन में पहुंचे फिर ताला तोड़ा इसके बाद भी ग्रामीणों को इसकी भनक नहीं लगी। चूंकि चोरी से गया खाद्यान्न कई क्विंटल है। इस लिहाज से चोरों को लोडिंग में भी एक से डेढ़ घंटे जरूर लगा होगा। चोरी के बाद भी सोसायटी में भारी मात्रा में खाद्यान्न बचा हुआ था। चाहते तो चोर इस खाद्यान्न पर से भी हाथ साफ कर सकते थे। जिस तरह से चोरों ने वारदात को अंजाम दिया है उसे लेकर संदेह होना लाजिमी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि सोसायटी में खाद्यान्न वितरण की अनियमतिता को छिपाने यह पूरा कदम उठाया गया हो। चोरी चूंकि सात फरवरी की दरम्यानी रात की बताई जा रही है। इसके तीन दिन बाद पुलिस को सूचना दिया जाना और उसके बाद एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर भी संदेह पैदा हो रहा है। हालांकि अब मामला पुलिस के पास है। देखने वाली बात होगी कि सोसायटी में वाकई चोरी हुई है या फिर इसके पीछे और अन्य कारण है।