टेकाम की कुर्सी खतरे में, कांग्रेस कर रही घेराबंदी
न्यूज एक्शन । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत ने पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है । चुनावी घोषणाओं को जल्द से जल्द पूर्ण कर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी सत्ता परिवर्तन को लेकर आतुर नजर आ रही है । सरकार बनने के साथ प्रशासनिक हलके में थोक के भाव में तबादले किए गए । वहीं कांग्रेस अब विभिन्न निकायों अपना वर्चस्व कायम करने की जुगत में है ।इसी कड़ी में कोरबा जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने कांग्रेस समर्थित सदस्य लामबंद होकर एकजुट हो गए हैं। भाजपा समर्थित सदस्यों को तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। अब तक तीन सदस्यों के कांग्रेस खेमे के संपर्क में होने की खबर मिल रही है ।
प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों की नजर अब नगरीय निकाय, जिला पंचायत की ओर लग गई है। कई निकाय में पदस्थ अध्यक्ष को हटाने का खेल शुरू हो गया है। जिला पंचायत कोरबा में भी कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने भाजपा समर्थित अध्यक्ष देवीसिंह टेकाम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र पंचायत संचालक को सौंपा गया था। इस पर पंचायत संचालक ने पत्र स्वीकार करते हुए 23 जनवरी को बैठक आयोजित करने का आदेश दिया है। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा भी की जाएगी। कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने चर्चा के लिए पर अतिरिक्त कलेक्टर प्रियंका महोबिया को पीठासीन अधिकारी बनाया है। सभी सदस्यों को बैठक की सूचना दी जा चुकी है। बताया जा रहा है कि प्रस्ताव पारित कराने जोड़तोड़ का खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस समर्थित सदस्यों की ओर से भाजपा समर्थित सदस्यों को तोडऩे का प्रयास लगातार चल रहा है। जानकारों का कहना है कि अब तक तीन सदस्यों ने इस अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस समर्थित सदस्यों को सहयोग देने का आश्वासन दिया है। यदि तीनों सदस्य विपक्षी खेमे से मिल जाते हैं, तो अध्यक्ष का हटना तय हो जाएगा। सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष की ओर से लगातार उपेक्षा की जा रही है। निर्धारित समय पर बैठक नहीं बुलाई जाती है।वजह चाहे जो भी हो पर जिला पंचायत में बदलाव की लहर की नजर आ रही है । जिला पंचायत में कुल 12 सदस्य हैं और इनमें भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टी समर्थित छह-छह सदस्य हैं। चुनाव के वक्त सात सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष देवीसिंह टेकाम के पक्ष में समर्थन किया था। अब उन्हें हटाने लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिए नौ सदस्य की जरूरत होगी, यानी कांग्रेस को तीन सदस्य जुटाने होंगे।नौ सदस्य के बाद ही कांग्रेस की बात बनेगी ।