एन एम डी सी हीरा खनन परियोजना को मिली अनुमति, लीज में 20 वर्ष की वृद्धि

पन्ना 9 जनवरी। नये वर्ष में 1 जनवरी से बंद एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी मझगवां हीरा खदान अब फिर चालू हो जाएगी। मध्यप्रदेश वन्यप्राणी बोर्ड ने हीरा खदान में काम करने सशर्त अनुमति दे दी है। बोर्ड का अंतिम फैसला आने तक बोर्ड ने एनएमडीसी को खदान शुरू करने की अनुमति दी है।

देश दुनिया में हीरो के लिए प्रसिद्ध पन्ना जिले की मझगवां में एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी कई वर्षों से संचालित है। लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर के पत्र के बाद एनएमडीसी मझगवां में हीरा माइंस का कार्य 1 जनवरी से बंद करा दिया गया था। इस मामले में क्षेत्रीय सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा एवं क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कुछ दिन पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर अविलंब एनएमडीसी में कार्य शुरू कराने की मांग की थी। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राज्य शासन ने एनएमडीसी को अनुमति में 20 वर्ष के लिए वृद्धि प्रदान करते हुए राज्य वन्य प्राणी बोर्ड को अपना सहमति पत्र भेज दिया है।

कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्र ने बताया कि हीरा खनन परियोजना मझगवां में खनन कार्य जारी रखा जाएगा राज्य सरकार ने इस परियोजना की लीज में 20 वर्ष की वृद्धि की गई है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी मध्य प्रदेश द्वारा कहा गया है कि शासन द्वारा लीज में वृद्धि करने इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत है। खनन का कार्य नवीन ना होने एवं वन्य प्राणियों और उनके आवास पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने से चालू कार्य को तब तक के लिए संचालित होने दिया जाए जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है। बतादें कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल आलोक कुमार ने पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को एक पत्र लिखा जिसमें उल्लेख किया गया है कि आपने हीरा खनन परियोजना मझगवां के महाप्रबंधक को पत्र लिखा है उस पत्र का अवलोकन करें। मझगवा हीरा खनन पिछले 50 वर्षों से संचालित है। राज्य सरकार ने इसकी खनन लीज में 20 वर्ष की वृद्धि कर दी है। खदान की पूर्व वनप्राणी अनुमति 1 दिसंबर 2020 तक थी। इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष लंबित है। अतः नवीन खनन कार्य ना होने से एवं वन्य प्राणियों और उनके आवास पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़ने से काम चालू कर तब तक के लिए संचालित होने दिया जाए जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड इस पर कोई निर्णय नहीं लेता। गौरतलब है कि एनएमडीसी से ना केवल पन्ना जिले के कई लोगों को रोजगार मिलता था, बल्कि पन्ना जिले को हीरो के लिए ही जाना जाता है। खदान बंद होने की जानकारी लगने के बाद पन्ना जिले के लोगों को भी इस बात से काफी दुख हुआ था। लेकिन अब खदान शुरू होने से लोगो को राहत मिली है।

संजय कुमार मिश्र कलेक्टर पन्ना ने बताया कि हीरा खनन परियोजना मझगवां में खनन कार्य जारी रखा जाएगा राज्य सरकार ने इस परियोजना की लीज में 20 वर्ष की वृद्धि की गई है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी मध्य प्रदेश द्वारा कहा गया है कि शासन द्वारा लीज में वृद्धि करने इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत है। खनन का कार्य नवीन ना होने एवं वन्य प्राणियों और उनके आवास पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने से चालू कार्य को तब तक के लिए संचालित होने दिया जाए जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है। बतादें कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल आलोक कुमार ने पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को एक पत्र लिखा जिसमें उल्लेख किया गया है कि आपने हीरा खनन परियोजना मझगवां के महाप्रबंधक को पत्र लिखा है उस पत्र का अवलोकन करें। मझगवा हीरा खनन पिछले 50 वर्षों से संचालित है। राज्य सरकार ने इसकी खनन लीज में 20 वर्ष की वृद्धि कर दी है खदान की पूर्व वनप्राणी अनुमति 1 दिसंबर 2020 तक थी इस स्वीकृति को आगे बढ़ाने का प्रकरण राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के समक्ष लंबित है। अतः नवीन खनन कार्य ना होने से एवं वन्य प्राणियों और उनके आवास पर प्रतिकूल प्रभाव ना पढ़ने से काम चालू कर तब तक के लिए संचालित होने दिया जाए जब तक कि राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड इस पर कोई निर्णय नहीं लेता। गौरतलब है कि एनएमडीसी से ना केवल पन्ना जिले के कई लोगों को रोजगार मिलता था बल्कि पन्ना जिले को हीरो के लिए ही जाना जाता है खदान बंद होने की जानकारी लगने के बाद पन्ना जिले के लोगों को भी इस बात से काफी दुख हुआ था। लेकिन अब खदान शुरू होने से लोगो को राहत मिली है।

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