स्टेयरिंग फेल होने से वाहन का कमानी पट्टा टूटाः यात्री बस घुसी खेत में, घटना में जनहानि नहीं

कोरबा 16 मार्च। रविवार को सुबह पूर्व जिले में पेंड्रा मार्ग पर एक निजी ट्रैवलिंग कंपनी की यात्री बस दुर्घटना का शिकार हो गई। स्टेरिंग फेल होने से वाहन का कमानी पट्टा टूट गया और वह सडक से उतरकर खेत में जा घुसी। मामले की जानकारी होने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई की।

बताया गया कि पेंड्रा से कोरबा आ रही रही एक निजी बस जडगा से कुछ दूर अमलडीहा में दुर्घटना का शिकार हो गई। बस में ड्राइवर और कंडक्टर के अलावा गिनती के यात्री सवार थे। पता चला कि बस के रनिंग शेड्यूल में ही एक बस का कमानी पट्टा टूट गया जिससे स्टेरिंग फेल हो गया। इसके साथ बस अनियंत्रित हो गई और सडक से उतरकर किनारे खेत में चली गई । हालांकि देवयोग से वह पलटने से बच गई। ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर हुए इस घटनाक्रम की जानकारी होने पर आसपास के लोग हरकत में आए। उन्होंने तत्काल इस पर संज्ञान लिया । जतगा पुलिस भी मौके पर पहुची। हादसे के इस दौरान किसी को कोई चोट नहीं आई।

बस का स्टेरिंग फेल होने पर चालक उसे संभालने की कोशिश कर रहा था लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। कुछ ही देर में यात्रियों से भरी बस सडक से उतर कर बगल में लगे खेत में जा घुसी। अच्छा यह हुआ कि बस मौके पर नहीं पलटी वरना अनहोनी तय थी। फिर भी बस के इस तरह से खेत में आ जाने से उसमें सवार लोगों में अफरातफरी मच गई। दुर्घटना के बाद एक दूसरे के बारे में जानना चाहा कि उन्हें कितनी चोट आई है। पुलिस ने बताया कि मामला तकनीकी फॉल्ट का है फिर भी इसमें विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले चालकों को कई प्रकार के नियम बताए गए थे।

परिवहन विभाग के द्वारा समय-समय पर अभियान चला कर विभिन्न प्रकार की गाडियों का फिटनेस जांच किया जाता है और इस बात की परख की जाती है कि उनमें सभी प्रकार के समान बेहतर काम कर रहे हैं या नहीं। खामियां पाए जाने पर समझाइश दी जाती है और पेनाल्टी की जाती है। पेंड्रा रोड से कोरबा के बीच चलने वाली यात्री बस में जो तकनीकी समस्या पेश आई उसने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर किस आधार पर इस प्रकार की गाडियां सडक पर दौड़ रही है।

कोरबा जिले की सडकों पर काफी संख्या में खटारा कैटेगरी के वहां लगातार दौड़ते नजर आ रहे हैं। इनके चलने से लोगों की जान जोखिम में है। विकल्प की कमी के कारण इस प्रकार के वाहनों में चलना लोगों की मजबूरी बन चुकी है। लोग बताते हैं कि विभिन्न मार्गों पर जाने के लिए अच्छे वाहन है ही नहीं और ऐसे में जो व्यवस्था उपलब्ध है इसका सहारा लेना पड़ता है। लेमरू, श्यांग, हाटी मार्ग पर चलने वाली यात्री गाडियों की स्थिति देखकर लगता है कि कब क्या हो जाए । सभी प्रकार के नियम के विरुद्ध ऐसी गाडियां सडक पर अगर चल रही है तो इसका मतलब यह निकलता है कि ऑपरेटर ने परिवहन विभाग के साथ अच्छा गठजोड़ कर रखा है। क्योंकि इसके बिना मनमानी करना संभव नहीं हो सकता। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस प्रकार के मामले में प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने की मानसिकता बनाना चाहिए ताकि संभावित हादसों को रोका जा सके।

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