ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम आयात पर लगाया टैरिफ, भारत भी प्रभावित, होगी अरबों की क्षति

वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे (12-14 फरवरी) से दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी देशों से स्टील के आयात पर 25% और एल्युमिनियम पर 10% टैरिफ की घोषणा की। इससे भारत पर भी असर पड़ेगा। ट्रम्प ने एयर फोर्स वन में फ्लोरिडा से न्यू ऑरलियन्स जाते समय पत्रकारों से कहा, अमेरिका में आने वाले किसी भी स्टील और एल्युमिनियम पर यह टैरिफ लगेगा। ट्रम्प ने साफ किया, वे 11 या 12 फरवरी को पारस्परिक टैरिफ की घोषणा करेंगे। मतलब है कि अमेरिका उन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाएगा, जिन पर अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर वे हमसे 130% चार्ज कर रहे हैं और हम कुछ नहीं, तो ऐसा नहीं होने वाला।’
अमेरिका अगर स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ लगाएगा तो वहां के खरीदारों को ये धातु और इनके उत्पाद खरीदना काफी महंगा पड़ेगा। इससे अमेरिका में इन दोनों धातुओं के आयात में गिरावट आएगी। अगर अमेरिका इन धातुओं को खरीदना कम करेगा तो भारत को हर साल अरबों रु. का नुकसान हो सकता है। बता दें कि ट्रम्प ने 2018 में अपने पहले कार्यकाल में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर स्टील पर 25% और एल्युमिनियम के पर 10% टैरिफ लगाया था।
भारत को अरबों का नुकसान
- वित्त वर्ष 2023 में भारत ने अमेरिका को 34,984 करोड़ रु. का स्टील और 9,620 करोड़ रु. का एल्युमिनियम निर्यात किया। इसी दौरान अमेरिका को भारत का कुल निर्यात 6.77 लाख करोड़ रु. रहा। यानी स्टील-एल्युमिनियम की हिस्सेदारी 6.5% तक है।
- जनवरी 2024 में भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश बिना टैरिफ के 3.36 लाख टन स्टील-एल्युमिनियम के आयात-निर्यात पर सहमत हुए थे। 25% टैरिफ लगने से भारत के लिए निर्यात महंगा हो जाएगा।
- मूडीज रेटिंग्स के मुताबिक, भारतीय स्टील उत्पादकों को निर्यात में बढ़ती चुनौतियां झेलनी पड़ेंगी। पिछले 12 महीनों में, भारत में उच्च स्टील आयात ने पहले ही कीमतों और आय को प्रभावित किया है।
अमेरिका में घरेलू कीमतें बढ़ेंगी…
- स्टील पर टैरिफ से अमेरिकी स्टील उत्पादकों को लाभ होगा। घरेलू स्टील की मांग बढ़ेगी और उनकी बिक्री कीमतें भी बढ़ेंगी।
- ट्रम्प कहतें हैं- आयात टैरिफ को वे राजस्व के स्रोत के रूप में देखते हैं, जो सरकार के बजट घाटे को कम करने में मददगार।
- मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, नए स्मेल्टर्स और मिल्स का निर्माण और उन्हें चालू करने में तीन या उससे अधिक साल लग सकते हैं। ऐसे में स्थानीय खरीदारों के लिए घरेलू कीमतें बढ़ सकती हैं।
- अमेरिका निर्माण, वाहन निर्माण, तकनीकी और सैन्य उपकरणों के लिए धातुओं की मांग पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भर है। 2023 में आयात से, जरूरत का 13% स्टील पूरा किया।