कोरबा 11 नवंबर। खनिज संसाधन और ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी होने और प्रचूर रोजगार के अवसरों के कारण कोरबा की धरती को छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक अमीर कहा जाता है। लेकिन विडम्बना देखिये कि राज्य की सबसे अमीर धरती में सबसे ज्यादा गरीब निवास करते हैं। यहां की लगभग 13 लाख की आबादी में से तीन चौथाई जनसंख्या गरीबों और अति गरीबों की श्रेणी में दर्ज है।
यह चौकाने वाला खुलासा खाद्य विभाग के आंकड़ों से होता है। ये आंकड़े आनलाईन उपलब्ध हैं। खाद्य विभाग के अनुसार कोरबा जिले में कुल 02 लाख 83 हजार 193 राशन कार्ड जारी किये गये हैं। इनमें केवल 38 हजार 055 राशन कार्डधारी ए.पी.एल.वर्ग से हैं। जबकि 02 लाख 45 हजार 138 राशन कार्ड बी पी एल वर्ग के हैं। इस तरह बी पी एल की जन संख्या कुल आबादी के लगभग 85 फीसदी है।
अभी कोरोना काल चल रहा है। मार्च माह से अक्टूबर माह तक कोरबा जिले का खाद्य विभाग लगातार काम करता रहा। लेकिन इस काम की रफ्तार उत्साह जनक नहीं कही जा सकती। आठ माह में विभाग ने कुल 6100 राशन कार्ड बनाया है। मतलब विभाग एक दिन में कुल 30 राशन कार्ड बना पाया। जबकि विभाग के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। खाद्य अधिकारी एस. चतुर्वेदी के अनुसार मार्च से अक्टूबर के मध्य ग्रामीण क्षेत्र में 2782 और शहरी क्षेत्र में 3318 राशन कार्ड बनाये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 2858 और शहरी क्षेत्र में 318 राशन कार्ड बनाने का कार्य अभी शेष है। खाद्य विभाग के आंकड़ों से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग द्वारा राशन कार्ड बनाने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। जिला प्रशासन भी शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रति उदासीन नजर आता है। लगता है, प्रशासनिक अमले के ठोस कार्य-कलापों की समीक्षा ही नहीं की जाती।