हड्डियों से संबंधित मामलों के समाधान के लिए शुरू होंगे आर्थो हब

कोरबा 06 जनवरी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट अब जल्द ही आर्थो हब में बदलने जा रहा है। जहां अलग से ओटी व वार्ड होने के बाद हड्डी रोग संबंधित बीमारी का त्वरित इलाज व जटिल ऑपरेशन भी हो सकेंगे।

स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में लगातार चिकित्सा सुविधाएं बढ़ रही हैं। वहीं अब आर्थो (हड्डी) से संबंधित बीमारी के मरीजों के लिए आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट जल्द ही आर्थो हब में बदलने जा रहा है। जिसके लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. केके सहारे ने संयुक्त संचालक डॉ. गोपाल कंवर, सहायक अस्पताल अधीक्षक डॉ. रविकांत जाटवर समेत अन्य अधिकारियों के साथ ट्रामा सेंटर का निरीक्षण करते हुए चिकित्सा कक्ष, वार्ड व ओटी के लिए अस्पताल परिसर के ट्रामा सेंटर बिल्डिंग के दूसरे तल के कमरों को चुना। जहां सुसज्जित 2 ओटी रूम पहले से तैयार है। जरूरी उपकरणों के इंस्टॉलेशन के साथ ही दोनों ओटी में ऑपरेशन शुरू हो जाएगा। आर्थो हब में अस्थि रोग विशेषज्ञों की संख्या बढ़ जाएगी, साथ ही संसाधन भी बढ़ेंगे। आर्थो हब में मात्र हड्डी संबंधी मरीजों की जांच, इलाज व ऑपरेशन की सुविधा होने से ऐसे बीमारी के मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। आर्थो हब में 50 मरीजों का वार्ड होगा।

आर्थो हब के लिए तैयारी पूरी जल्द ही सुविधा की जाएगी शुरू ट्टस्व. बिसाहू दास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. केके सहारे के मुताबिक अस्पताल के आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट की जगह आर्थो हब बनाया जा रहा है। जिसके लिए ट्रामा सेंटर बिल्डिंग में तैयारी पूरी कर ली गई है। जल्द ही सुविधा शुरू हो जाएगी।मुफ्त होंगी डेढ़ लाख के खर्चे पर होने वाली सर्जरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. रविकांत जाटवर के मुताबिक अस्पताल में वर्तमान में डॉ. घनश्याम दिवान के साथ विशेषज्ञ द्वय डॉ.श्रीकांत जांगड़े व डॉ. दीपक घृतलहरे ही आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट संभाल रहे हैं। उनके द्वारा चिकित्सा कर्मियों के साथ टीम वर्क से एक साल के दौरान टीम ने 12 हिप रिप्लेसमेंट व 4 नी रिप्लेसमेंट किया गया। जिसके लिए निजी अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपए तक के खर्चे चुकाने पड़ते है।

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