मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज में महिला अधिकार और हिंसात्मक घटनाओं पर हुई संगोष्ठी
कोरबा 20 अक्टूबर। महिला वर्ग के साथ हो रहे हिंसक व्यवहार पर लगातार चिंता जताई जा रही है। इसके साथ ही इनके उन्मूलन से लेकर आरोपियों को त्वरित दंड देने की मांग भी तेज हो गई है। कोरबा के गवर्नमेंट मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज मैं आंतरिक परिवाद समिति ने इसी विषय पर केंद्रित एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें छात्राओं ने अपनी बात रखी। अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश ममता भोजवानी ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
एक अशासकीय संगठन के सहयोग से कॉलेज प्रबंधन के द्वारा यह कार्यक्रम रखा गया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं पर हो रही हिंसात्मक घटनाओं की रोकथाम के साथ-साथ महिलाओं को अपने विधिक अधिकारों की जानकारी से अवगत कराना भी था। मौजूदा कालखंड की चुनौतियां और इनसे होने वाले नुकसान को लेकर कॉलेज की छात्राओं ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश ममता भोजवानी ने अपने संबोधन में बताया कि जिस प्रकार के सवाल और चिंता छात्राओं ने व्यक्त की है वह अत्यंत स्वाभाविक है। अधिकारों के प्रति चेतना का जागरण हो रहा है यह अच्छा संकेत है। छात्राओं की भागीदारी इस प्रकार के कार्यक्रमों में निरंतर होते रहना चाहिए।
कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पापिया चतुर्वेदी ने संगोष्ठी की अवधारणा को स्पष्ट करने के साथ बताया कि आंतरिक परिवाद समिति किस प्रकार से काम करती है और उसकी भूमिका किस तरीके से सुनिश्चित हो रही है। मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेंद्र सिंह ने बताया कि कई प्रकार के विषय समाज और संस्था में चलते हैं जिन पर विचार विनिमय होना आवश्यक है। विद्यार्थियों को अवसर देने के लिए भी ऐसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज के सभी प्राध्यापक और स्टाफ के अलावा विद्यार्थियों ने अपना सक्रिय योगदान दिया।