कुआंभट्टा क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण जारी

कोरबा 20 अक्टूबर। एक तरफ प्रशासन समय सीमा की बैठक में सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए दिशा निर्देश देने को लेकर उतारू है तो दूसरी तरफ कोरबा शहर में ही कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर सरकारी जमीन अतिक्रमण का शिकार है। कुआभट्टा क्षेत्र में निगम और छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन कंपनी की जमीन पर अतिक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ना तो विनय हटाने की कार्रवाई की जा रही है और ना ही इस मामले में और किसी प्रकार से दिलचस्पी ली जा रही है। इससे अतिक्रमण करने वालों का मनोबल बढ़ता जा रहा है।

गुरु घासीदास तिराहा से बुधवार महाराणा प्रताप तिराहा तक जाने वाली सडक के बीच में कुआभट्टा क्षेत्र शामिल है जहां सडक के एक तरफ रिहायशी इलाका स्थित है और इसके दूसरी तरफ निगम और विद्युत उत्पादन कंपनी की जमीन। बीते वर्षों में अपनी जमीन की चिंता करते हुए बिजली कंपनी ने मौके पर सब स्टेशन का निर्माण किसी तरह से कराया और आसपास के क्षेत्र को घेराबंदी के साथ सुरक्षित कर लिया। जबकि इसके आसपास की काफी जमीन नगर निगम और बिजली कंपनी की ही है लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर सिस्टम में बैठे अधिकारी एक प्रकार से उदासीन बने हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि बीते वर्षों में जमीन को बचाने के लिए जो वार्बेट वायर से फेंसिंग कराई गई थी, उसे भी काफी हद तक लोगों ने नुकसान पहुंचाआ है या फिर पर कर दिया है और अब उसी स्थान पर छोटे-मोटे ठेले टपरे लगा लिए गए हैं। आसपास में धीरे-धीरे अब ऐसे अतिक्रमण को पक्का करने का प्रयास भी जोर जोर से शुरू कर दिया गया है। इसी इलाके में आंखों से रूप से चार पहिया वाहनों का पार्किंग और स्टैंड्स भी बन गया है। इन सभी की देखा देखी मौके की बची हुई जमीन को हथियाने का खेल भी शुरू हो गया है। ऐसा करने वालों का मनोबल इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि प्रशासन से लेकर नगर निगम के अधिकारियों का आना-जाना इस रास्ते से लगातार होने के बाद भी उनकी ओर से यहां के अतिक्रमण को जानबूझकर नजर अंदाज किया जा रहा है और इसीलिए मौके पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। माना जा रहा है कि एक तरह से अतिक्रमण करने वालों को खुलेआम संरक्षण देने का प्रयास हो रहा है और उनके मनोबल में अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ोतरी की जा रही है। यही कारण है कि कोरबा के ही दूसरे स्थान पर इस तरह के मामलों से लोगों की प्रवृत्ति सरकारी जमीन को हड़पने के मामले में बढ़ रही है। बाद में उदासीनता के चक्कर में ऐसे ही मामले प्रशासन के लिए सर दर्द बन जाते हैं और मौके पर कार्रवाई करने में अधिकारियों का पसीना छूट जाता है।

इससे पहले कोरबा शहरी क्षेत्र के ही तीन स्थानों पर बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया गया और फिर कार्रवाई की गई। प्रगति नगर मुख्य मार्ग पर सरकारी जमीन को कई लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया था जिसे मुक्त करने के साथ वहां बोर्ड लगा दिया गया है। इसी तरह कोहडिया में बेलगरी नाला पुल के पास और कोरबा के वार्ड क्रमांक 3 राताखार क्षेत्र में सरकारी जमीन पर किए गए कब्जा को हटाने के साथ वहां भी बोर्ड लगाकर दर्शाया गया है की जमीन सरकार के कोटे की है और इसका स्वामित्व उसी का है।

Spread the word