पूर्व विधायक मोहितराम केरकेट्टा की जमीन का नामांतरण निरस्त
चर्च की कब्रिस्तान की जमीन कराई थी रजिस्ट्री, पहले भी दर्ज है धोखाधड़ी का केस
कोरबा 16 अक्टूबर। पाली तानाखार के पूर्व विधायक मोहितराम केरकेट्टा और बेटे के नाम की गई बेशकीमती जमीन का नामांतरण निरस्त हो गया है। उन्होंने चर्च के कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज जमीन की खरीदी-बिक्री की थी। इस मामले में पूर्व रूरु्र, उनके बेटे समेत 10 लोगों के खिलाफ कूटरचना कर धोखाधड़ी का केस दर्ज है।
इधर, कलेक्टर अवनीश शरण की पहल पर जमीन की रजिस्ट्री निरस्त कर फिर से उसे चर्च के नाम पर रिकार्ड दुरुस्त करा दिया गया है। दरअसल, शिकायतकर्ता के मुताबिक, 05 करोड़ की जमीन को 99 लाख रुपए में खरीदा गया। जबकि खरीद-बिक्री का अधिकार किसी को नहीं है। साल 2018 में चुनाव जीतकर विधायक बने मोहितराम को मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन और विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। आरोप है कि, मोहितराम ने पद का दुरुपयोग कर बिलासपुर में कुदुदंड के चर्च ऑफ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया के कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज करीब एक एकड़ जमीन की खरीदी अपने बेटे शंकर केरकेट्टा के नाम पर की थी।
संस्था के कथित पदाधिकारियों ने तत्कालीन विधायक मोहितराम केरकेट्टा और उनके बेटे के पास एक एकड़ जमीन का सौदा 99 लाख 22 हजार 500 रुपए में किया। इसमें गवाह संस्था के वाहन चालक अरुण टोप्पो को बनाया गया। बेची गई जमीन संस्था के रिकॉर्ड में ईसाई कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, जमीन की कीमत करीब 05 करोड़ रुपए है। जिसका सौदा इसी कीमत पर हुआ है। लेकिन, आपसी सौदे में जमीन की कीमत 99 लाख रुपए बताकर बाकी के पैसों का बंदरबाट किया गया है। जबकि, संस्था के सदस्यों को कब्रिस्तान की जमीन बेचने का अधिकार नहीं है और न हीं क्रेता को भी कब्रिस्तान की जमीन खरीदने का अधिकार है। विद्यानगर निवासी आलोक विल्सन ने कूटरचना और षडयंत्र कर जमीन की धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की थी। इसमें बताया था कि वे चर्च ऑफ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया कुदुदंड के सदस्य हैं। संस्था के जरिए तीन राज्यों में धार्मिक, शैक्षणिक और ट्रेनिंग स्कूलों का संचालन किया जाता है।
संस्था के पदाधिकारियों का हर तीन साल में चुनाव होता है। चुने हुए सदस्यों की जानकारी पंजीयक फर्म्स और संस्थाएं को दी जाती है। साल 2009-10 के बाद से संस्था का चुनाव नहीं हुआ है। उन्होंने कब्रिस्तान की जमीन के रिकॉर्ड में कूटरचना, षडयंत्र कर गलत तरीके से बेचने पर कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते उंन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने बैरन उर्फ बिरन साय कुजूर पिता बुधुवा उम्र 52 वर्ष चर्च ऑफ क्राइस्ट मिशन कम्पाउंड कुदुदंड, बिरिम साय टोप्पो, दीपक फिलीमोन निवासी टिकरापारा, महावीर कुजूर निवासी उसलापुर, हेमिल्टन थमस निवासी ओमनगर जरहाभाठा के साथ ही जेडब्लू दास निवासी रायपुर, पुष्पा मिंज निवासी उसलापुर, अरुण टोप्पो, मोहितराम केरकेट्टा और उनके बेटे शंकर केरकेटटा निवासी उरांवपारा पोलमी थाना पाली के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कलेक्टर अवनीश शरण से भी नियम विरुद्ध रजिस्ट्री और नामांतरण कराकर कब्रिस्तान की एक एकड़ जमीन हड़पने की शिकायत की गई थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने केस के पुनर्विलोकन के निर्देश दिए थे। जिसके बाद बिलासपुर एसडीम ने धारा 51 के तहत पुनर्विलोकन किया। इस दौरान मोहित केरकेट्टा के पुत्र शंकर केरकेट्टा के द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से पुनर्विलोकन पर आपत्ति पेश की गई कि आवेदित भूमि खसरा नंबर 296-1 खुली पड़त भूमि है, यह कब्रिस्तान की भूमि नहीं रही जो खसरा पंचशाला वर्ष 1993-94 से 1996-97 एवं बी-01 किश्तबंदी खतौनी में स्पष्ट रूप से दर्शित है। जबकि वास्तव में कब्रिस्तान की भूमि खसरा नंबर 296-2 रही है। मामले में दोनों पक्षों को सुनने और राजस्व रिकार्ड का परीक्षण करने के बाद जमीन का नामांतरण शून्य कर उक्त वाद भूमि को राजस्व अभिलेखों में चर्च ऑफ क्राईष्ट मिशन इन इंडिया कुदुदंड के नाम पर वापस दर्ज किया गया है।