अपचन, कब्ज एवं शारीरिक श्रम न करना वात रोगों का प्रमुख कारण-डॉ.नागेंद्र शर्मा
कोरबा 13 अक्टूबर। 12 अक्टूबर विश्व आर्थराइटिस दिवस पर स्वस्थ भारत समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के तहत लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट, विश्व हिंदू परीषद एवं आयुष मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में श्री शिव औषधालय एमआईजी 20 आर.पी.नगर फेस 2 शिवाजी नगर रोड निहारिका कोरबा मे आयोजित सभी 80 प्रकार के वात रोगों हेतु आयोजित निःशुल्क आयुर्वेद-योग, रक्त शर्करा जांच एवं अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनरल डेंसिटी) जांच चिकित्सा परामर्श एवं उपचार शिविर में 90 मरीज हुये लाभान्वित।
शिविर में विशेष रूप से अपनी चिकित्सकीय सेवायें प्रदान करने वाले छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने अपचन, कब्ज, शारीरिक श्रम न करना एवं कैल्शियम आयरन तथा विटामिन्स की कमी को वात रोगों का मुख्य कारण बताया। साथ ही इससे बचाव एवं उपचार हेतु अपनी दिनचर्या को नियमित करने के साथ साथ अपने भोजन में कैल्शियम, आयरन एवं विटामिन्स युक्त भोज्य पदार्थों को शामिल करने को कहा तथा किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की सलाह भी दी। साथ ही शिविर में बीएमडी मशीन द्वारा अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनरल डेंसिटी) की निशुल्क जांच कर संबंधित औषधि भी निशुल्क प्रदान की गई। साथ ही समस्त प्रकार के वात रोगों के लिये उपयोगी वातशामक काढ़ा भी निशुल्क पिलाया गया। शिविर मे रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) की जांच निशुल्क करने के साथ शुगर की परीक्षित औषधि देने के साथ-साथ वात रोगियों के लिये उपयोगी स्वास्थ्य पुस्तिका भी निशुल्क प्रदान की गई।
शिविर में चिकित्सक नाड़ी पंडित शिव कुमार शर्मा, नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा, नाड़ीवैद्या डॉ.वागेश्वरी शर्मा, डॉ.प्रदीप कश्यप, डॉ.संजय वैष्णव के अलावा श्री शिव औषधालय की संचालिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा, लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट के अध्यक्ष लायन शिव जायसवाल, कोषाध्यक्ष लायन गजेंद्र राठौड, संरक्षक लायन सुधीर सक्सेना, कार्यकारिणी सदस्य लायन नेत्रनन्दन साहू, लायन कमल धारीया, लायन अश्वनी बुनकर, मनीष कौशिक, तोरेंद्र सिंह, महेंद्र साहू, देवबली कुंभकार, कमला कुंभकार, राजेश प्रजापति, राकेश इस्पात, सिद्धराम शाहनी, नेहा कंवर, बीएमडी टैक्नीशियन सुनील मल्होत्रा, वीरेंद्र सोनी, बबलु सोनी एवं पतंजलि अंबिकापुर के जीवनदानी योग शिक्षक आर्य विजय ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।