कुसमुण्डा फोरलेन सड़क के शेष काम इस महीने होंगे पूरे
एसईसीएल ने स्वीकृत किये थे 200 करोड़ की राशि
पुल के लिए एक साल का इंतजार, प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभाव
कोरबा 08 जून। चार साल बीतने के बाद भी कुसमुंडा-तरदा फोरलेन का काम नहीं हो सका। इसका आधा हिस्सा अब तक बन सका है, उसमें भी बीच के कई पेंच बाकी हैं। मंथर गति से चल रहे कामकाज और सडक पर भारी परिवहन दबाव के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति ने लोगों को परेशान कर रखा है। एक बार फिर दावा किया जा रहा है कि सर्वमंगला तिराहे तक के शेष बचे कार्यों को इसी महीने पूरा कर लिया जाएगा।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा पांच वर्ष पहले सामाजिक उत्तरदायित्व मद से 200 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई और इसके माध्यम से इमलीछापर-तरदा तक फोरलेन सडक बनाने का रास्ता साफ किया गया। महाराष्ट्र के नागपुर की एसएमएस कंपनी को यह काम दिया गया। लोक निर्माण विभाग की सीधी देखरेख में निर्माण का काम चल रहा है। पूर्व वर्षों में कलेक्टर और स्थानीय विधायक के बीच खराब रिश्तों की वजह से फोरलेन का काम लगातार अटकता रहा। राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण ठेकेदार ने कई मौकों पर हाथ खड़े कर दिए। काफी दबाव और आलोचना के बाद यह काम आगे जरूर बढ़ा लेकिन उतनी गति नहीं आ सकी, जो कि अपेक्षित थी। प्रशासन में फेरबदल के बाद कंपनी को काम की रफ्तार बढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कामकाज को जल्द करने के निर्देश दिए गए। इन सबका बहुत ज्यादा असर नहीं हो सका। एसईसीएल की कुसमुंडा और गेवरा खदान से कोयला लेकर दूसरे रास्तों को जाने वाली वाहनों की अधिकता इस मार्ग पर बनी हुई है। इससे फोरलेन न केवल व्यस्त हुआ है बल्कि इस वजह से बार-बार जाम लगने के साथ आसपास के रिहायशी क्षेत्रों पर भी प्रदूषण का असर हो रहा है और लोग आक्रोशित हो रहे हैं। अलग-अलग स्तर पर प्रदर्शन और दखल के चलते फोरलेन के बाकी बचे काम को जल्दी कैसे किया जाए, इसके लिए अब प्रयासों को तेज किया गया है। खबर के मुताबिक मशीनरी और मैन पावर पहले जैसा है लेकिन अब इसे अधिक एक्टिव मोड में किया गया है ताकि बार-बार बढ़ाई जा रही समयसीमा का उल्लंघन न हो।
माना जा रहा था कि एसईसीएल की खदानों से कोयला ट्रांसापोर्ट करने वाले वाहनों को नया विकल्प दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले की तरह एक ही सडक से सभी वाहनों की आवाजाही बनी हुई है। कोयला वाहनों को ढंककर चलने के निर्देश जरूर दिए गए हैं लेकिन इसका परिपालन औपचारिक रूप से हो रहा है। ऐसे में लोगों के जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कुसमुंडा क्षेत्र में निर्माणाधीन फोरलेन सडक का शेष बचा हुआ काम जून के अंतिम तक पूरा कर लिया जाएगा। यह कुछ ही क्षेत्र में बाकी है। इससे लोगों की बहुत सारी परेशानियां दूर हो सकेंगी। बरमपुर के पास दांयी तट नहर में नए पुल का निर्माण कम से कम एक साल बाद ही हो सकेगा। इसी तरह कुसमुंडा मार्ग पर एसईसीएल के साइलो के नजदीक सडक का दूसरा हिस्सा तैयार करने के लिए भी काफी समय लगेगा।
-जीआर जांगड़े, ईई पीडब्ल्यूडी