कोआपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर में 106 करोड़ का घोटाला: 12 साल बाद फिर बोतल से बाहर आया जिन्द…!
बिलासपुर 30 जुलाई। कोआपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर में 106 करोड़ का घोटाला का मामला एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है। भाजपा नेता और कोआपरेटिव्ह बैंक दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष प्रितपाल बेलचन्द पर शिकंजा कसने के बाद कोआपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पांडेय पर 12 साल बाद कानूनी कार्रवाई होने के आसार नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में 106 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अपराध दर्ज करने के बाद विवेचना पूरी नहीं होने और कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत नहीं करने पर मुख्य सचिव एसीबी और ईओडब्ल्यू के एडीजीपी से शपथ पत्र मांगा था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने मामले में दो माह में सीआरसी की धारा 173 (2) के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि बिलासपुर के जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में 106 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विंदेश्वरी प्रसाद खरे ने बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष देवेंद्र पाण्डेय और सीईओ वी एस बिसेन के खिलाफ डीजीपी, एसीबी ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। 27 अगस्त 2011 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में 11 साल बाद 23 फरवरी 2022 को दोनों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लंबे समय के बाद भी विवेचना पूरी नहीं करने और चार्जशीट प्रस्तुत नहीं करने को लेकर खरे ने एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल के जरिए याचिका लगाई थी। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, सचिव जीएडी और एसीबी- ईओडब्ल्यू के एडीजीपी से व्यक्तिगत, रूप से शपथ पत्र देने को कहा है।