स्थानीय बेरोजगारों ने उपेक्षा का आरोप लगाकर बंद कराया मानिकपुर प्रोजेक्ट में काम
कोरबा 08 अप्रैल। कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत मानिकपुर कोल परियोजना में काम कम और हड़ताल कुछ ज्यादा ही हो रही है। रोजगार के मामले में उपेक्षा का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने एक बार फिर यहां आउटसोर्सिंग के काम पर ब्रेक लगा दिया। खदान में नियोजित ठेका कंपनियों में स्थानीय बेरोजगारों के साथ ही भू.विस्थापितों को नौकरी देने की माग को लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग खदान के भीतर घुसे। लोगों के प्रदर्शन से कोल परिवहन का काम ठप्प हो गया। वाहनों की लंबी कतार लग गई। लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए मानिकपुर पुलिस और विभागीय सुरक्षाकर्मी मौके पर जमे हुए है।
सूत्रों के अनुसार भू-विस्थापितों और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को लेकर एसईसीएल की मानिकपुर खदान में प्रबंधन और लोगों के बीच टकराहट की स्थिती जारी है। दावा किया जा रहा है क्या स्थानीय लोगों की उपेक्षा कर रोजगार के मामले में बाहरी लोगों को महत्व दिया जा रहा। उससे आक्रोशित होकर सैकड़ों की संख्या में लोग खदान के भीतर घुसे और हड़ताल करते हुए कोल परिवहन के काम को रुकवा दिया। नारायणी संस प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी निजी कंपनियों के द्वारा यहां दिए गए काम पर कुछ असर पड़ा है। खदान के भीतर ही प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों ने रोजगार देने की मांग की। लोगों के आक्रोश को देखते हुए मानिकपुर पुलिस और विभागीय सुरक्षाकर्मी मौके पर जमे हुए हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान लोगों की सुरक्षाकर्मियों के साथ विवाद की स्थिती भी निर्मित हुई। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं है जबकि इस प्रकार के हालात यहां पर बने हैं। इससे पहले भी अलग-अलग कैटेगरी में प्रभावित लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर कई अवसर पर यहां प्रदर्शन हो चुके हैं और कामकाज को कई घंटे तक बाधित किया जा चुका है। उस दौरान भी पुलिस के द्वारा हस्तक्षेप किया गया था और मौके पर सहमति बनी थी कि अनुपात में बाहर के लोगों के साथ स्थानीय प्रभावित लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इस समझौते पर भरोसा करने के साथ प्रदर्शन समाप्त हुए थे और इंतजार किया जा रहा था कि आगे इस प्रकार की स्थितियां निर्मित नहीं होगी। लेकिन समय के साथ परिस्थितियां जस की तस हो गई और यही कारण है कि एक बार फिर से मानिकपुर प्रोजेक्ट में उपेक्षित लोगों को अपनी मांगों के साथ मोर्चा खोलना पड़ा है।