ठा. पूरनसिंह स्मृति सूत्र सम्मान 2022: कवि- इतिहासकार डा. संजय अलंग को प्रदान किया गया
रायपुर 19 फरवरी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के संस्कृति विभाग के सभागार में देश से भर से आये रचनाकारों की उपस्थिति में हिन्दी के महत्वपूर्ण कवि लोक इतिहासकार डा. संजय अलंग को 2022 का ठा. पूरनसिंह स्मृति सूत्र सम्मान 18 फरवरी 23 को प्रदान किया गया। साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी मीडिया कर्मी, रंगकर्मी- लेखक- कवियों से खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर से आये चर्चित आलोचक राजाराम भादू ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री नगीन तनवीर, त्रिलोक महावर, सुभाष मिश्र, जयप्रकाश एवं रामकुमार तिवारी की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।
सूत्र सम्मान 2022 से सम्मानित होने के बाद कवि- इतिहासकार डॉ संजय अलंग ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि- “मैं सूत्र परिवार और तथा चयन समिति को धन्यवाद देता हूँ, जिसने ऐसा कुछ सामने लाने का निर्णय लिया, जिसमें मेरा रचना कर्म पुरस्कृत होता है और इस अनुक्रम में मुझे सूत्र सम्मान का अलंकरण प्रदान किया गया। उन्होंने अपने व्यक्तव्य में अपनी रचना प्रक्रिया पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। दो सत्रों में आयोजित सूत्र सम्मान समारोह में कवि पाठ के साथ संजय अलंग की कविताओं पर एकाग्र नाटक का मंचन भी किया गया। कार्यक्रम में सूत्र सम्मान से पूर्व सूत्र के संयोजक, कवि- लेखक विजय सिंह द्वारा सूत्र सम्मान के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। तत्पश्चात डॉ संजय अलंग की कविताओं पर शरद कोकास, रजत कृष्ण और अजय चंद्रवंशी नें महत्वपूर्ण आलेख का पठन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष राजाराम भादू सहित सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा संजय अलंग की कविताओं पर अपने विचार रखे गए।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में चर्चित कथाकार सतीश जायसवाल की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही और विशिष्ट अतिथि के रूप ईश्वरसिंह दोस्त, अध्यक्ष साहित्य परिषद रायपुर और कवि नासिर अहमद सिंकदर उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ के कोरबा, जगदलपुर, बागबाहरा, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कवर्धा, बिलासपुर मनेंन्द्रगढ़, कोरिया, बैंकुठपुर, कवर्धा, कुम्हारी सहित शहडोल, नागपुर के लेखक कवियों की उपस्थिति के साथ रायपुर के वरिष्ठ लेखक, कवि पत्रकार, रंगनिर्देशक, इतिहासकार और प्रबुध्द जनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन आमोद श्रीवास्तव का था। सहयोग प्रखर सिंह के द्वारा दिया गया। इस पूरे दिन भर के कार्यक्रम सफल बनाने में सूत्र के नंदन, नगेन्द्र सिंह, योगेश चाडंक और सरिता सिंह का योगदान महत्वपूर्ण रहा।