हिरासत में ग्रामीण की हुई थी मौत, मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में स्वजनों का बयान दर्ज

कोरबा 1 अगस्त। पुलिस हिरासत में ग्रामीण की हुई मौत के मामले में न्यायिक जांच शुरू हो गई है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मृतक के परिजनों का बयान दर्ज हुआ। पंचनामा के साथ पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण हुई। तीन चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई। घटना के बाद मृतक की मां को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। शनिवार की सुबह पुलिस कर्मी घर पहुंचे और अस्पताल चलने कहा। रास्ते में उसे इस घटना की जानकारी दी गई। बेटे का शव देखते ही वृद्ध मां फूट-फूट कर रोने लगी।

छह साल पुराने एक स्थाई वारंट के मामले में श्यांग थाना के एलोंग निवासी हंसाराम राठिया 30 वर्ष को पुलिस ने गुरुवार की रात 11.50 बजे गिरफ्तार किया था। दूसरे दिन शुक्रवार को करीब 3.30 बजे उसकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसे हिरासत में लिया गया, तब वह लगातार खांस रहा था। मामूली सर्दी जुकाम होने के अंदेशा से पुलिस कर्मियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। न्यायालय में दूसरे दिन पेश किया जाना थाए इसलिए हवालात में डाल दिया गया। दूसरे दिन सुबह लगभग 11.45 बजे उसकी हालत बिगड़ी तो पुलिस कर्मी उसे अस्पताल लेकर गए। वहां उपस्थित डा आरबी सिंह ने परीक्षण करने के बाद उसे वापस थाना ले जाने की इजाजत दे दी। पुलिस कर्मी फिर से उसे थाने में लाकर हवालात में डाल दिए। न्यायालय में पेश करने के लिए डायरी तैयार की जा रही थी। इस दौरान करीब 3.30 बजे फिर उसकी हालत बिगड़ गई और उसे पुनः पुलिस कर्मी अस्पताल लेकर गए। जहां करीब 10 मिनट बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पुलिस की ओर से उसके स्वजनों को तत्काल नहीं दी गई। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने इस मामले की न्यायिक जांच के लिए पत्र लिखा। इसके बाद शनिवार की सुबह करीब 10 बजे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रूपनारायण पठारे की उपस्थिति में पोस्टमार्टम की वैधानिक कार्रवाई शुरु हुई। इस दौरान मजिस्ट्रेट ने शव का परीक्षण करते हुए देखा कि शरीर में कहीं कोई चोट के निशान तो नहीं हैं। तीन चिकित्सक डा ओएस कंवर, डा बीके झलरिया व डा ज्योति साहू ने मिल कर पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि हंसाराम की मौत किस वजह से हुई है। हालांकि प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा कि वह कुछ दिनों से पीलिया से ग्रसित था। समय पर समुचित उपचार नहीं हो सका, इस वजह से उसकी हालत बिगड़ी और दम तोड़ दिया।

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